लोकसभा चुनाव 2019 के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार को ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर अहम सुनवाई होगी. 21 विपक्षी दलों की 50 फीसदी VVPAT की पर्चियों के सत्यापन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. बता दें कि कांग्रेस, टीडीपी सहित 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इन दलों की मांग है कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दिया जाए. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम और VVPAT की 5 पर्चियों के मिलान का आदेश दिया था. लेकिन, विपक्षी दल इससे संतुष्ट नहीं थे, जिसके बाद विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी.
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान करने को कहा था. जिसे आयोग ने मान लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ाया. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र मे 5 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा. अभी सिर्फ एक का वीवीपैट मिलान होता है.
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अभी तक चुनाव आयोग 4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसकी संख्या बढ़कर 20625 हो जाएगी. वर्तमान में वीवीपैट पेपर स्लिप मिलान के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्र में केवल एक ईवीएम लिया जाता है. एक ईवीएम प्रति विधानसभा क्षेत्र के 4125 ईवीएम के वीवीपीएटी पेपर्स से मिलान कराया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को 20625 ईवीएम की वीवीपैट पर्चियां गिननी हैं, यानी प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच ईवीएम की जांच होगी. विपक्षी दलों की मांग है कि लगभग 6.75 लाख ईवीएम और वीवीपैट का मिलान कराया जाए.