एसपी सांसद आजम खान की बढ़ीं मुश्किलें, 29 मुकदमों में अग्रिम जमानत याचिका खारिज
आजम खान (Photo Credit- IANS)

नई दिल्ली. एसपी सांसद आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रामपुर में जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज 28 मुकदमों और किताबें चोरी करने के एक केस में समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान (Azam Khan) की अग्रिम जमानत की अर्जी को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया है. बताना चाहते है कि कोर्ट ने मंगलवार को लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. SP सांसद (Azam Khan) की ओर से दाखिल जिन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्रों पर मंगलवार को सुनवाई हुई, इनमें 28 जमीनों पर कब्जे से जुड़े मामले रहे. ये जमीनें आलियागंज के किसानों की हैं.

ज्ञात हो कि यूपी में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम खान (Azam Khan) पर 27 मामलों में दर्ज FIR को रद्द किए जाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट का कहना है कि 27 एफआईआर से जुड़े मामलों की सुनवाई एक ही अर्जी से नहीं हो सकती है. कोर्ट ने कहा कि हर FIR पर राहत पाने के लिए अलग-अलग अर्जी दाखिल करनी होगी. यह भी पढ़े-आजम खान को 27 केस रद्द करने की अपील पर फौरी राहत नहीं, हाईकोर्ट ने अलग-अलग अर्जी देने को कहा

एसपी सांसद आजम खान (SP MP Azam Khan) जौहर यूनिवर्सिटी को लीज पर दी गई जमीन से खैर के पेड़ गायब होने के मामले में भी फंसते नजर आ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आजम खान को जौहर ट्रस्ट को यूनिवर्सिटी के लिए जो जमीन लीज पर दी गई थी उस समय 21 फरवरी 2007 में खैर के पेड़ थे, लेकिन अब जिला प्रशासन ने जांच के बाद शासन को जो रिपोर्ट भेजी है, उसके अनुसार लीज पर दी गई जमीन पर खैर के पेड़ नहीं है.

ज्ञात हो कि समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान (Samajwadi Party MP Azam Khan) के साथ उनकी पत्नी और बेटे पर भी केस दर्ज है. रामपुर के अजीम नगर थाने में आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा, बेटे अब्दुल्लाह और वक्फ बोर्ड के अधिकारियों सहित 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ. इन पर वक्फ संपत्ति को हड़पने का आरोप है.