नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को मुद्दा उठाते हुए शुक्रवार को दावा किया कि विविधता के पारंपरिक विचार की बजाए देश की एकता के लिए एकरुपता को अभिन्न बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है.
अपनी पुस्तक 'विजिबल मुस्लिम-इनविजिबल सिटिजन: अंडरस्टेंडिंग इस्लाम इन इंडियन डेमोक्रेसी' के विमोचन पर यहां रखे गए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि निराशावादी बनने के लिए कोई खास कारण नहीं है लेकिन बात जब अल्पसंख्यक समुदाय की आती है तो कुछ चिंताए उठती हैं.
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खुर्शीद ने कहा, “अगर एक लोकतंत्र में असहमति एवं मतभेद के लिए जगह नहीं होगी तो उस लोकतंत्र पर सवाल उठने चाहिए” असहमति या मतभेद पर विचारों का आदान-प्रदान न हो पाना लोकतंत्र की त्रासदी है'
उन्होंने कहा, “एकरूपता को एकता के लिए अभिन्न बताए जाने पर जोर दिया जा रहा है” हम पारंपरिक विचार में यकीन रखते हैं, आप में से भी कई रखते होंगे कि देश की एकजुटता के लिए विविधता अनिवार्य है'
पुस्तक पर रखी गई समूह चर्चा में उनके साथ लोकसभा सांसद असदउद्दीन ओवैसी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली भी मौजूद थे” ओवैसी ने भी कहा कि एक देश में समरूपता नहीं होनी चाहिए और उसकी विविधता का सम्मान होना चाहिए”