राज्यसभा उपसभापति चुनाव: विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के लिए भी अग्निपरीक्षा
संसद के ऊपरी सदन में कुल 245 सदस्य हैं. एनडीए के पास 115 सीटें हैं तो वहीं यूपीए के पास 113 सीट हैं. राज्यसभा में 73 सदस्यों के साथ बीजेपी सबसे बड़ा दल है
नई दिल्ली: राज्यसभा के नए उप-सभापति का चुनाव 9 अगस्त को होगा. संसद का मानसून सत्र 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. राज्यसभा के सभापति एम.वेकैंया नायडू ने सोमवार को शून्य काल के दौरान चुनाव के विवरण की घोषणा की. उन्होंने कहा, "सदस्य 8 अगस्त दोपहर 12 बजे तक अपना नोटिस ऑफ मोशन दे सकते हैं." एनडीए की ओर से जेडीयू सांसद हरिवंश राज्यसभा उपसभापति उम्मीदवार हो सकते हैं. हरवंश बिहार के जाने माने पत्रकार रहे हैं.
वहीं, विपक्ष की ओर से अभी कोई उम्मीदवार तय नहीं हुआ है. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि शरद पवार की पार्टी के किसी नेता को विपक्ष अपना उम्मीदवार बना सकता है. मगर, फिलहाल सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अपने उम्मीदवार की औपचारिक घोषणा नहीं की है.
विपक्ष की अग्निपरीक्षा:
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव विपक्ष के लिए अग्निपरीक्षा है. कांग्रेस 2019 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष की अगुवाई करती दिख रही है. राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है. ऐसे में अगर विपक्ष एकजुट होकर इस चुनाव को लड़ता है तो शायद उनका उम्मीदवार जीत सकता हैं. राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने वाले संयुक्त विपक्ष के लिए 9 अगस्त को होने वाला चुनाव किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं है.
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पहले ऐसा कहा जा रहा था कि टीएमसी के उम्मीदवार को विपक्ष की ओर से उम्मीदवार बनाया जाएगा मगर अब एनसीपी से किसी के विपक्ष के साझा उम्मीदवार बनाने के कयास लगाए जा रहे हैं.
आंकड़े:
बता दें कि संसद के ऊपरी सदन में कुल 245 सदस्य हैं. एनडीए के पास 115 सीटें हैं तो वहीं यूपीए के पास 113 सीट हैं. राज्यसभा में 73 सदस्यों के साथ बीजेपी सबसे बड़ा दल है. कांग्रेस के पास 50 सांसद हैं. राज्यसभा की एक सीट अभी खाली है.
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शिवसेना पर नजर:
शिवसेना वैसे तो एनडीए का घटक दल है मगर ज्यादातर मोर्चे पर बीजेपी के खिलाफ ही रहती हैं. राज्यसभा में शिवसेना के 3 सदस्य है अगर वो विपक्ष के पाले में जाते हैं तो एनडीए उम्मीदवार की जीत भी मुश्किल हो सकती है.
बीजेडी बन सकती है किंग मेकर:
ओडिशा की पार्टी बीजू जनता दल की भूमिका इन चुनावों में काफी अहम है. ये पार्टी ना तो एनडीए में हैं और ना ही यूपीए. राज्यसभा में बीजेडी के सदस्य जिस उम्मीदवार को वोट करेंगे उनकी जीत लगभग पक्की मानी जा रही हैं. वैसे आम आदमी पार्टी के 3 सदस्यों पर भी एनडीए और यूपीए के उम्मीदवारों की नजर होंगी.