नई दिल्ली. राजस्थान में जारी सियासी संग्राम (Rajasthan Political Crisis) खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) की नाराजगी के बाद सूबे में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हुई है. यह मामला हाईकोर्ट से लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत में भी पहुंचा है. अब तक पायलट गुट को राहत मिली हुई है. सचिन पायलट खेमे के बगावती तेवर के बाद अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल बने हुए है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) लगातार अपने खेमे के विधायकों को एक साथ रखने में लगे हुए हैं.
वहीं सूबे में जारी घमासान के बीच रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. जिसमें सीएम अशोक गहलोत भी पहुंचे थे. इस दौरान गहलोत ने विधायकों से कहा कि हमें विधानसभा में भी एकजुटता दिखानी है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि राजस्थान कांग्रेस के विधायकों ने विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. यह भी पढ़ें-Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस में 6 बीएसपी विधायकों के विलय के खिलाफ बीजेपी नेता मदन दिलावर की याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने किया खारिज
ANI का ट्वीट-
राजस्थान कांग्रेस के विधायकों ने कल विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान के सामने बागियों की वकालत नहीं करेंगे: सूत्र
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 10, 2020
इस पुरे मसले पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान के सामने बागियों की वकालत नहीं करेंगे. खबर यह भी है कि राज्य कांग्रेस की तरफ से पार्टी आलाकमान के समक्ष बागी विधायकों को लेकर किसी भी तरह की बातचीत नहीं की जाएगी. इसके साथ ही बागी गुट अपना फैसला खुद ही लें कि आखिर उन्हें वापसी करनी है नहीं.