नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की प्रचंड जीत के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर अभी भी अनिश्चितता बरकरार है. मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा देने की मांग पर अड़े हुए है. हालांकि दिग्गज कांग्रेसी नेता राहुल को मानाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है. मान-मनौव्वल के लिए पार्टी में मुलाकात का दौर जारी है. इस बीच बेंगलुरु में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर राहुल से कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रखने का आग्रह किया है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक आज सुबह कांग्रेस कार्यकर्ता बेंगलुरु में पार्टी कार्यालय के बाहर जमा होकर राहुल गांधी के इस्तीफे के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष पड़ से इस्तीफा देना चाहते है. पार्टी में नेतृत्व के संकट के बीच मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उनके उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और महासचिवों केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से मुलाकात की. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.
Bengaluru: Congress workers demonstrate outside party office urging Rahul Gandhi to continue as Congress President #Karnataka pic.twitter.com/uRcjlL8eG0
— ANI (@ANI) May 29, 2019
राहुल ने शनिवार को कांग्रेस कार्यकारिणी कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान अपना इस्तीफा देने की पेशकश की थी, लेकिन इसे सर्वसम्मति से अस्वीकार कर दिया गया था. पार्टी का शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय सीडब्ल्यूसी ने राहुल गांधी को पार्टी में संरचनात्मक परिवर्तन करने का पूरा हक दे रखा है.
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खबरों की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक में नेताओं से कहा कि वह बीजेपी और आरएसएस से विचारधारा की लड़ाई जारी रखेंगे, लेकिन वह पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे. इसलिए गांधी-नेहरू परिवार से बाहर का कोई नया पार्टी अध्यक्ष चुना जाना चाहिए. इन सबके बीच कांग्रेस नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी का कोई विकल्प मौजूद नहीं है इसलिए उन्हें जल्द से जल्द मना लिया जाएगा.
गौरतलब हो कि कांग्रेस पार्टी को हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में तमाम कोशिशो के बावजूद भी भारी हार का सामना करना पड़ा है. देशभर में पार्टी मात्र 52 सीटें जीतने में कामयाब हो सकी है, जबकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 303 सीटें जीती है.