Uttarakhand: पुष्कर धामी दूसरी बार लेंगे CM पद की शपथ, ताजपोशी में पीएम मोदी, अमित शाह समेत ये दिग्गज करेंगे शिरकत
पुष्कर सिंह धामी (Photo Credits: Instagram)

उत्तराखंड (Uttarakhand) को आज अपना 12वां मुख्यमंत्री मिल जाएगा. पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) आज मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. पुष्कर सिंह धामी दोपहर 3.30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी. शपथ ग्रहण समारोह देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित होगा. शपथ ग्रहण समारोह को लेकर परेड ग्राउंड पूरी तरह सुरक्षा घेरे में कैद हो गया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और चारों तरफ चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. CM Yogi Oath Ceremony: मुख्यमंत्री योगी के शपथ ग्रहण को लेकर लखनऊ में जोर-शोर से हो रही तैयारी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, समेत कल 11 राज्यों के मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी संगठन के बड़े पदाधिकारी भी शपथ ग्रहण समारोह के साक्षी बनेंगे. इसके साथ ही साधु साधु संत व शहर के प्रबुद्ध जन, आम जनमानस समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे.

बता दें कि उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव पुष्कर सिंह धामी के नाम पर चुनाव लड़ा गया, लेकिन वो खटीमा से ही चुनाव हार गए. ऐसे में कयास यह लगाए गए कि मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी की जगह किसी और को मौका दिया जा सकता है. हालांकि पुष्कर सिंह धामी के पक्ष में कई विधायकों ने आलाकमान से आग्रह किया कि उनकी सीट खाली कर ली जाए और पुष्कर सिंह धामी को वहां से चुनाव लड़ाया जाए.

बीजेपी ने उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार सत्ता बरकरार रखने वाली एकमात्र पार्टी बनकर इतिहास रच दिया. इस चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 47 सीटें जीतीं.

उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री

पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. 47 साल के धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं. उत्तराखंड की खटीमा विधानसभा सीट से लगातार दो बार से विधायक बनते रहे हैं, लेकिन इस बार चूक गए. भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाने वाले धामी ने भाजपा की युवा इकाई से राजनीति की शुरूआत की थी और 2002 से 2008 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे.

युवकों के बीच मजबूत पकड़

युवा मोर्चा का नेतृत्व संभालने के बाद उन्होंने प्रदेश भर में घूम-घूमकर यात्राएं की थीं और बेरोजगार युवाओं को एक साथ जोड़कर बड़ी रैलियां कर युवा नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई थी.