चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) की सियासत में बड़ा भूचाल आ गया है. शनिवार को कांग्रेस आलाकमान से नाराज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक से कुछ समय पहले खुद को अपमानित महसूस होता देख पद छोड़ने का फैसला लिया. खबर है कि सीएलपी की बैठक से पहले पार्टी आलाकमान ने अमरिंदर सिंह को एक नए पदाधिकारी के चुनाव को सक्षम करने के लिए इस्तीफा देने के लिए कहा था. आप ने सिद्धू को ‘पंजाब की राजनीति का राखी सावंत’ बताया, कांग्रेस नेता ने किया पलटवार
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अमरिंदर सिंह ने सीएलपी की बैठक से पहले अपने आधिकारिक आवास पर अपने खेमे के पार्टी विधायकों से मुलाकात की थी. उधर, अमरिंदर सिंह ने भी आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की थी और उनसे कहा था कि उन्हें अपमानित किया जा रहा है. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक आलाकमान ने अमरिंदर सिंह को साफ तौर पर पद छोड़ने को कह दिया था.
CM Captain Amarinder Singh has met Punjab Governor and submitted his and his council of ministers’ resignation. He will address the media at the Raj Bhavan gate in a few minutes from now: Raveen Thukral, Media Advisor to Punjab CM pic.twitter.com/VwxpGruX74
— ANI (@ANI) September 18, 2021
पंजाब कांग्रेस में मिनट दर मिनट बदलते राजनीतिक घटनाक्रम की शुरूआत शुक्रवार की रात करीब 11 बजकर 42 मिनट पर हुई जब पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने शनिवार को तत्काल सीएलपी की बैठक करने के फैसले के बारे में ट्वीट किया. करीब 10 मिनट बाद प्रदेश पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने सभी विधायकों को सीएलपी की बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश दिया.
कांग्रेस आलाकमान ने सीएलपी की बैठक बुलाने का निर्णय अधिकांश विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के मद्देनजर लिया. पत्र में करीब 40 कांग्रेस विधायकों ने अमरिंदर सिंह से असंतोष व्यक्त किया और उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी. जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने शनिवार शाम बैठक बुलाने का निर्देश दिया और वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और हरीश चौधरी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया.
फिलहाल पंजाब में कांग्रेस गंभीर संकट में दिख रही है. विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री के बदलने से कांग्रेस की भी मुश्किलें बढ़ने की पूरी उम्मीद है. साथ ही अमरिंदर सिंह का नाराज होना भी पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. कई नेता पार्टी का साथ छोड़ सकते है.