प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कैबिनेट से मंजूर हुई योजना 'मिशन कर्मयोगी' को सरकारी मानव संसाधन प्रबंधन में मौलिक सुधार करने वाला बताया है. उन्होंने इस योजना के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज मंत्रिमंडल में सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए अनुमोदित हुए राष्ट्रीय कार्यक्रम से सरकारी मानव संसाधन प्रबंधन प्रथाओं में मौलिक सुधार होगा. यह सिविल सेवकों की क्षमता बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे के पैमाने और स्थिति का उपयोग करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच (आईजीओटी) मानव संसाधन प्रबंधन और निरंतर सीखने में मदद करेगा. मिशन कर्मयोगी का मकसद सिविल सेवकों को भविष्य में पारदर्शिता, प्रौद्यौगिकी के माध्मय से अधिक रचनात्मक और परिवर्तनात्मक बनाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकारी बाबुओं को और अधिक पेशेवर(प्रोफेशनल) बनाने के लिए मिशन कर्मयोगी को मंजूरी मिली.
मिशन कर्मयोगी इस योजना के तहत सिविल सेवकों को अब कल्पनाशील और नवाचारी (इनोवेटिव), पेशेवर और प्रगतिशील, एनर्जेटिक(ऊजार्वान) और चमत्कारी, पारदर्शी एवं तकनीक युक्त, रचनात्मक और सृजनात्मक बनाने की तैयारी है. सिविल सेवकों के लिए ट्रेनिंग के स्टैंडर्ड को भी बढ़ाया जाएगा.