नई दिल्ली: पीएम मोदी (PM Modi) बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. कल 10 सितंबर को प्रस्तावित मत्स्य, पशुपालन व कृषि विभाग से जुड़ी 294.53 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास वीडियो कांफ्रेस के जरिये करने वाले हैं. इसके साथ ही आगामी 25 सितम्बर तक 5 चरणों में अन्य विभागों की योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है. बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अनुसार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY ) अंतर्गत 107 करोड़ की लागत की परियोजना के शुभारंभ की घोषणा, 5 करोड़ की लागत से सीतामढ़ी के डुमरा में बखरी मछली बीज फार्म, 10 करोड़ की लागत से रोग निदान और गुणवत्ता परीक्षण के लिए किशनगंज के मत्स्य पालन कॉलेज का उद्घाटन प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाएंगा.
जिसमें पांच करोड़ की लागत से सीतामढ़ी के डुमरा में बखरी मछली बीज फार्म, दस करोड़ की लागत से रोग निदान और गुणवत्ता परीक्षण हेतु किशनगंज के मत्स्य पालन कॉलेज और पटना स्थित बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में जलीय रेफरल प्रयोगशलाएं, मधेपुरा में 1 करोड़ की लागत से मत्स्य चारा मिल, पटना के मसौढ़ी में 2 करोड़ की लागत से फिश ऑन व्हील्स और 2.87 करोड़ की लागत से कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में समेकित मात्स्यिकी उत्पादन प्रौद्योगिकी केंद्र का कल के ही दिन पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन किया जायेगा. यह भी पढ़े: पीएम मोदी से बातचीत के बाद सुंदर पिचाई ने की घोषणा, गूगल भारत में अगले 5 से 7 वर्षों में 75,000 करोड़ रुपये का करेगा निवेश
Prime Minister Narendra Modi will digitally launch the Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) on 10th September. He will also launch e-Gopala App for farmers along with several other initiatives in the fisheries and animal husbandry sectors in Bihar. (File Photo) pic.twitter.com/haHknPMUV0
— ANI (@ANI) September 9, 2020
वहीं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 84.27 करोड़ की लागत से पूर्णिया सीमेन स्टेशन, 8.06 करोड़ की लागत से बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना में इम्ब्रयो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी (ईटीटी) एवं आईवीएफ लैब और 2.13 करोड़ की लागत से बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, नालंदा व गया में तैयार सेक्स सॉर्टेड सीमेन परियोजना की शुरुआत करेंगे. इन प्रमुख योजनाओं के साथ ही प्रधानमंत्री कल बिहार को और कई सौगात देने वाले हैं. जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय भी शामिल हैं.