बंगाल में बवाल: पीएम मोदी बोले-पुलिस मूर्ति को तोड़ने के सबूतों को मिटाने का प्रयास कर रही है
नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

मथुरापुर:दमदम (पश्चिम बंगाल). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल पुलिस राज्य सरकार के साथ सांठगांठ कर ‘‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडों’’ द्वारा मूर्ति को तोड़े जाने की घटना के साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास कर रही है। मोदी ने चुनाव आयोग द्वारा राज्य में लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए घटायी गयी समय सीमा समाप्त होने के कुछ घंटे पहले अपनी चुनाव रैलियों में यह बात कही। उन्होंने चुनाव आयोग की आलोचना करने के लिए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यदि उसने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित नहीं करवाये होते तो वह कभी वाम दलों को सत्ता से बाहर कर मुख्यमंत्री नहीं बन सकती थीं। राज्य के भाजपा नेताओं को ‘बाहरी’ करार देने के लिए बनर्जी पर बरसते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश एवं बिहार से आने वाले लोगों से समस्या है किंतु वह घुसपैठियों का हाथ फैलाकर स्वागत करती हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘दीदी को यह नहीं भूलना चाहिए कि यदि बिहार एवं उप्र से लोग आते हैं तो वे बंगाल के विकास में योगदान देते हैं। उन्हें उनसे (इन राज्यों से आने वाले लोगों से) समस्या है किन्तु वह घुसपैठ करने वालों का स्वागत करती हैं। बंगाल, दीदी एवं उनके भतीजे (तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी) की निजी जागीर नहीं है।’’ जॉयनगर लोकसभा सीट के तहत आने वाले मथुरापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ‘‘अपनी आसन्न पराजय से हताश’’ ममता बनर्जी ने चुनाव के बाद मुझे सींखचों के पीछे डालने की धमकी दी है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडे हिंसा फैला रहे हैं और उन्होंने विद्यासागर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया। जिस तरह से राज्य सरकार ने नारदा एवं शारदा घोटालों के साक्ष्य मिटाये, उसी तरह से यह इस घटना के साक्ष्य मिटाने का प्रयास कर रही हैं।’’

प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि प्रतिमा को तोड़ने के कृत्य में शामिल लोगों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो मिसाल बन सके। मोदी ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी घटना के साक्ष्य मिटाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि ‘तृणमूल कांग्रेस के गुंडों’ को बचाया जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस और उनके गुंडों ने बंगाल को एक नरक बना दिया है। जो इस पाप में शामिल हैं उन्हें बड़ी सजा मिलनी चाहिए। कोलकाता में मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोडशो के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा देखने को मिली थी। इस संघर्ष के दौरान 19 वीं सदी के समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की आवक्ष प्रतिमा तोड़ दी गयी थी।

मोदी ने यहां दम दम में एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘दीदी आज चुनाव आयोग एवं केन्द्रीय बलों को बुरा भला कह रही हैं। किंतु वाम शासन के दौरान एक समय था कि वह केन्द्रीय बलों की मांग करती थीं। यदि चुनाव आयोग एवं केन्द्रीय बलों ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं करवाये होते तो वह बंगाल की मुख्यमंत्री कभी नहीं बन पातीं।’’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में यह चुनाव पिछले छह चरण के मतदान में हुई हिंसा और विपक्षी दलों पर हुए हमलों के लिए भी याद रखा जाएगा।

चुनाव आयोग ने भारत के चुनावी इतिहास में पहली बार बुधवार को संविधान के अनुच्छेद 324 का प्रयोग करते हुए 19 मई को होने वाले मतदात के अंतिम चरण के लिए पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार की समय सीमा को घटा दिया। यह कदम मंगलवार को कोलकाता में भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसा को देखते हुए उठाया है। अगला प्रधानमंत्री बनने की ममता बनर्जी की कथित ख्वाहिश का मखौल उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि वह भले ही इसका सपना देख लें किंतु वह कोई ऐसी टिप्पणी नहीं करें जिससे सशस्त्र बलों का मनोबल टूटे।

उन्होंने भाजपा की युवा इकाई की कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा की हाल में हुई गिरफ्तारी का परोक्ष उल्लेख करते हुए कहा कि वह भाजपा कार्यकर्ताओं को जेल के पीछे डाल देती हैं और जनता को सताने के लिए उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के गुंडों को खुला छोड़ रखा है।

बनर्जी के भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी को निशाना बनाते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि बुआ-भतीजा ‘जोड़ी’ की रुचि केवल बंगाल को लूटने और ‘टोलाबाजी (जबरन धन वसूली रैकेट)’ सिंडिकेट चलाने में है।

उन्होंने दावा किया कि लोगों के मूड को देखते हुए लग रहा है कि राज्य में ‘बुआ-भतीजा’ सरकार के दिन गिनती के रह गये हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से अधिकतर पर जीत दर्ज करेगी और देश में 300 से अधिक पर सफल होगी।

अभिषेक बनर्जी को तृणमूल कांग्रेस में दूसरे स्थान पर माना जाता है और वह डायमंड हार्बर से दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। बनर्जी को ‘स्टिकर दीदी’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि वह बंगाल के विकास में रुचि नहीं रख रही हैं बल्कि केन्द्रीय योजनाओं पर अपने स्टिकर लगाने की इच्छुक रहती हैं।