चमकी बुखार पर पीएम मोदी का पहला बयान- पिछले सात दशक में सरकारों की सबसे बड़ी विफलता है ये बीमारी, मिलकर काम करना होगा
पीएम मोदी (Photo Credits: ANI)

बिहार (Bihar) में चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (AES) के कारण लगातार हो रही बच्चों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. दरअसल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राज्यसभा (Rajya Sabha) में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों बिहार के चमकी बुखार की चर्चा हुई है. आधुनिक युग में ऐसी स्थिति हम सभी के लिए दुखद और शर्मिंदगी की बात है और मैं मानता हूं कि पिछले सात दशक में सरकारों और समाज के रूप में हमारी जो कुछ विफलताएं हैं, उसमें ये एक सबसे बड़ी विफलता है और हम सबको इसे गंभीरता से लेना होगा. पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन दिनों अच्छी स्थिति नजर आ रही है. फिर भी क्लेम नहीं कर सकते लेकिन अच्छी स्थिति नजर आ रही है. मुझे विश्वास है कि जो यह दुखद स्थिति है उससे जल्दी हम बाहर निकल जाएंगे. मैं राज्य सरकार से संपर्क में हूं. मैंने तुरंत अपने हेल्थ मिनिस्टर को वहां दौड़ाया. जितना जल्दी हो सके इससे लोगों को निकालेंगे. पोषण, टीकाकरण, आयुष्मान के जरिए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश करेंगे. ऐसी समस्याओं से लोगों को बचाने के लिए काम करना होगा.

बता दें कि चमकी बुखार के कारण बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में अब तक 132 बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें से 111 मौतें श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज अस्पताल (SKMCH) तो 21 मौतें केजरीवाल अस्पताल में हुई हैं. चमकी बुखार से प्रभावित जिलों में मुजफ्फरपुर के अलावा पूर्वी चंपारण, वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गया, जहानाबाद, किशनगंज, नालंदा, पश्चिमी चंपारण, पटना, पूर्णिया, शिवहर, सुपौल शामिल हैं. यह भी पढ़ें- बिहार में 'चमकी बुखार' बरपा रहा है कहर, मुजफ्फरपुर में 132 की मौत, जिंदगी और मौत की जंग में जूझ रहे हैं बच्चे

उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा था कि केंद्र सरकार की विभिन्न पहल से बिहार में एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मामलों में मृत्यु दर में तेजी से गिरावट आई है.