बिहार में 'चमकी बुखार' बरपा रहा है कहर, मुजफ्फरपुर में 132 की मौत, जिंदगी और मौत की जंग में जूझ रहे हैं बच्चे
फाइल फोटो ( फोटो क्रेडिट- IANS )

पटना: बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले सहित करीब 20 जिलों में चमकी बुखार या एक्यूट इंसेलाइटिस सिंड्रोम (AES) बीमारी से बच्चों के मरने का सिलसिला जारी है. अकेले मुजफ्फरपुर में बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या 132 के करीब पहुंच गई है. जिसमें श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज ( SKMCH) में 111 बच्चे और केजरीवाल अस्पताल में 21 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस बीमारी से प्रभावित जिलों में मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गया, जहानाबाद, किशनगंज, नालंदा, पश्चिमी चंपारण, पटना, पूर्णिया, शिवहर, सुपौल शामिल हैं.

वहीं नीतीश कुमार की सरकार को अब विपक्षी पार्टियों ने घेरना शुरू कर दिया है. जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहार में बच्चों की हो रही लगातार मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को कहा था कि पार्टी कुपोषण के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएगी. उन्होंने ने मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले के एईएस प्रभावित गांवों का दौरा करने के बाद यहां कहा कि पार्टी ने कुपोषणमुक्त बिहार बनाने का संकल्प लिया है और इसके लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया जाएगा.

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डॉक्टरों ने तैनात की क्विक रेस्पॉन्स टीम

बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में एक तरफ जहां एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार से बच्चों की मौत हो रही है. वहीं, दूसरी तरफ डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. दरअसल, मुजफ्फरपुर में डॉक्टरों (Doctors) ने अपनी सुरक्षा के लिए पैसे देकर क्विक रेस्पॉन्स टीम (QRT) को काम पर रखा है. क्विक रेस्पॉन्स टीम के एक सदस्य ने बताया कि लगभग 60 डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा (Security) के लिए और हिंसा को रोकने के लिए इस क्यूआरटी की सुविधा ली है. हमें शहर में 3 स्थानों पर तैनात किया गया है. हमारे पास 15-20 मोटरसाइकिल हैं.