करगिल विजय दिवस 2019: पीएम मोदी बोले- राष्ट्र की रक्षा सर्वप्रथम है, न किसी प्रभाव में काम होगा, न दबाव में, न अभाव में
पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में करगिल विजय दिवस 2019 (Kargil Vijay Diwas 2019) से जुड़े एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि करगिल विजय दिवस के अवसर पर आज हर देशवासी शौर्य और राष्ट्र के समर्पित एक प्रेरणादायक गाथा को स्मरण कर रहा है. आज के अवसर पर मैं उन सभी शूरवीरों को नमन करता हूं, जिन्होंने कारगिल की चोटियों से तिरंगे (Tricolour) को उतारने के षड़यंत्र को असफल किया. उन्होंने कहा कि करगिल में विजय भारत के वीर बेटे, बेटियों के अदम्य साहस की जीत थी. करगिल में विजय भारत के सामर्थ्य और संयम की जीत थी. करगिल में विजय भारत के संकल्पों की जीत थी. करगिल में विजय भारत के मर्यादा और अनुशासन की जीत थी.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं 20 साल पहले करगिल तब भी गया था जब युद्ध अपने चरम पर था. दुश्मन ऊंची चोटियों पर बैठकर अपने खेल, खेल रहा था. एक साधारण नागरिक के नाते मैंने मोर्चे पर जुटे अपने सैनिकों के शौर्य को उस मिट्टी पर जाकर नमन किया था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा. 1948, 1965, 1971 उसने यही किया. लेकिन 1999 में उसका छल पहले की तरह फिर एक बार छल की छलनी कर दी गई.

पीएम मोदी ने कहा कि बीते पांच वर्षों में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के कल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. आजादी के बाद दशकों से जिसका इंतजार था उस 'वन रैंक वन पेंशन' लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने पूर्ण किया. उन्होंने कहा कि इस बार सरकार बनते ही पहला फैसला शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने का किया गया. इसके अलावा 'नेशनल वॉर मेमोरियल' भी आज हमारे वीरों की गाथाओं से देश को प्रेरित कर रहा है. यह भी पढ़ें- Kargil Vijay Diwas: 1999 में करगिल युद्ध के दौरान जंग के मैदान में पहुंचे थे पीएम मोदी, शेयर की लड़ाई के दौरान की तस्वीरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज लड़ाइयां अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं और साइबर स्तर पर भी लड़ी जाती है. इसलिए सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है. जल, थल, नभ सभी जगह हमारी सेना अपने उच्चतम शिखर को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखे और आधुनिक बने, ये हमारा प्रयास है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र की रक्षा सर्वप्रथम है. जहां राष्ट्र की रक्षा की बात होगी, वहां न किसी के दबाव में काम होगा, न किसी के प्रभाव में काम होगा और न ही किसी अभाव में काम होगा.