उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रविवार को दावा किया कि राज्य में पहली बार उनकी सरकार परीक्षाओं में नकल को रोकने में कामयाब हुई है और इसमें शिक्षकों तथा अभिभावकों का भी सहयोग मिला है.
योगी ने डॉक्टर राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में मेधावी छात्रों के सम्मान समारोह में कहा "हमने परीक्षाओं को नकल मुक्त बनाने के लिए शिक्षकों-छात्रों के बीच संवाद स्थापित कराया. इस काम में हमें प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, अभिभावकों और शैक्षणिक संस्थाओं का भरपूर सहयोग भी मिला.”
उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के दौरान राज्य सरकार की सुस्ती की वजह से पांच लाख छात्र-छात्राओं ने परीक्षा छोड़ी. जांच में पता लगा कि इन छात्र-छात्राओं का एकमात्र मकसद गलत तरीके से दाखिला लेने का होता था. यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में बन जाएगा राममंदिर: राज्यमंत्री सुनील भराला
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने यूपी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के कुल 1,695 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया. योगी ने कहा कि शिक्षा मात्र डिग्री इकट्ठा करने का माध्यम नहीं है बल्कि इससे व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करने में मदद मिलती है और यह एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को साकार करने का आधार भी है.