नई दिल्ली, 28 जुलाई: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी )Smriti Irani) की लोकसभा (Lok Sabha) में बृहस्पतिवार को हुई नोकझोंक के बाद कई विपक्षी के नेताओं ने सोमवार को सोनिया का समर्थन करते हुए कहा कि 75 वर्षीय नेता को सत्तापक्ष के लोगों द्वारा लोकसभा में चारो तरफ से घेर लिया गया और इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है. "Rashtrapatni" Controversy: महिला आयोग ने अधीर रंजन चौधरी को भेजा नोटिस, कार्रवाई के लिए सोनिया गांधी को भी लिखा पत्र
दरअसल, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर संबोधित किया था. इसी विषय पर संसद के दोनों सदनों में भाजपा सदस्यों ने इस मामले को लेकर हंगामा किया. भाजपा और सरकार के मंत्रियों ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की.
इसी मुद्दे पर लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे के कुछ ही देर बाद जब दोबारा स्थगित कर दी गयी तो सोनिया गांधी सत्तापक्ष की ओर गयीं और उन्होंने भाजपा सांसद रमा देवी से पूछना चाहा कि इस विवाद में उनका नाम क्यों घसीटा जा रहा है.
इसी दौरान स्मृति ईरानी भी सोनिया गांधी के नजदीक पहुंचकर वस्तुत: चौधरी के बयान का विरोध करती दिखीं. पहले तो सोनिया ने स्मृति ईरानी को अनदेखा करने का प्रयास किया, लेकिन कुछ ही क्षण बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री की ओर रुख करके नाराजगी भरे स्वर में कुछ कहते देखा गया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले उस समय सदन में मौजूद थीं. उनका कहना है कि सोनिया गांधी के खिलाफ ‘अनावश्यक नारेबाजी’ सुनकर हैरान रह गईं.
सुप्रिया ने ट्वीट किया, ‘‘सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद श्रीमती गांधी के खिलाफ अनावश्यक नारेबाजी सुनकर हैरान रह गई. हम सभी लोगों को सदन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और मर्यादा एवं गरिमा बनाए रखनी चाहिए.’’
बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा सदस्य दानिश अली ने स्मृति ईरानी के वक्तव्य के एक हिस्से का वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि केंद्रीय मंत्री राष्ट्रपति का नाम आपत्तिजनक तरीके से लिया जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
अली ने ट्वीट किया, ‘‘मैं भारत के माननीय राष्ट्रपति का अपमान करने, अनुचित और आपत्तिजनक तरीके से सदन में उनका नाम लेने के लिए स्मृति ईरानी जी से बिना शर्त माफ़ी की मांग करता हूं.’’
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ‘‘उस समय मैं लोकसभा में थी जब 75 वर्षीय वरिष्ठ नेता को इस तरह घेर लिया गया जिस तरह झुंड में घेरा जाता है. उनके साथ टोकाटोकी की गयी. यह सब उस वक्त किया गया जब वह एक और वरिष्ठ महिला नेता जो पीठासीन सभापतियों पैनल में हैं, की तरफ गयीं और उनसे बात की (मास्क पहने हुए).’’
पश्चिम बंगाल की कृष्णनगर लोकसभा सीट से सदस्य मोइत्रा ने कहा, ‘‘प्रेस में भाजपा के झूठे बयान पढ़कर व्यथित हूं.’’ इससे पहले एक ट्वीट में मोइत्रा ने कहा था, ‘‘लोकसभा में सारे नियम हमेशा विपक्ष के लिए ही होते हैं. आज जैसे ही लोकसभा की बैठक शुरू हुई और लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि बैठिए, तभी भाजपा सदस्यों ने 10 मिनट तक माइक पर कब्जा किए रखा और आक्षेप लगाए. अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग मानदंड.’’
शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी सोनिया गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा सांसदों का व्यवहार शर्मनाक है. उन्होंने ईरानी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमेशा उत्तेजित हो जाने वाली मंत्री की अगुवाई में जो उपद्रव हुआ उसकी सभी लोगों को निंदा करनी होगी. यह मंत्री गोवा में गैरकानूनी काम और फर्जी शैक्षणिक हलफनामे के आरोपों का सामना कर रही हैं.’’
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