नई दिल्ली, 16 सितम्बर : कोरोना महामारी (Coronavirus) के चलते देश के किसानों की आय पर असर पड़ने का आकलन करने के लिए कोई आय मूल्यांकन रिपोर्ट उपलब्घ नहीं है. यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी है. केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बिजनौर से बहुजन समाज पार्टी के सांसद मलूक नागर के अतारांकित सवाल के जवाब में दी. सांसद मलूक नागर ने कृषि मंत्री से सवाल किया था कि सरकार को कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण देश के किसानों और कृषि क्षेत्र को हुए नुकसान की क्या जानकारी है.
अगर है तो इसका ब्योरा दें. इसके जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया, ऐसी कोई आय मूल्यांकन रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है जिससे किसानों की आय में कोरोना वायरस के चलते प्रभाव का आकलन किया जा सके. सांसद ने एक अन्य सवाल में पूछा था कि क्या सरकार कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण करने के बाद किसानों को राहत प्रदान करने के लिए कोई योजना आरंभ करने पर विचार कर रही है.
इस पर कृषि मंत्री तोमर की ओर से दिए लिखित जवाब में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से एक लाख करोड़ रुपये की राशि से कृषि अवसंरचना निधि बनाने और मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधन करने समेत अन्य जानकारी दी गई. केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में कोरोना काल में लाए एग दो अध्यादेशों का भी जिक्र किया है.
साथ ही, उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खाते में 24 मार्च 2020 से 40,000 करोड़ रुपये जमा करवाए गए हैं. उन्होंने कहा कि समय पर फसल तैयार होने को लेकर किसानों को सुविधाएं दी जिसके फलस्वरूप खरीफ फसलों की रिकॉर्ड खरीद हुई. उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले खरीफ फसलों की बुवाई में भी 5.68 फीसदी की वृद्धि हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने सरकार द्वारा किसान रथ मोबाइल ऐप, फार्म मशीनरी मोबाइल ऐप और किसान रेल चलाने समेत कोरोना काल में किसानों के लिए उठाए गए कई अन्य कदमों की भी जानकारी दी.