अलगाववादियों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) कई कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ गुरुवार को अदालत में आरोप-पत्र दाखिल कर सकती है. जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के यासीन मलिक सहित कई अन्य कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) के तहत जांच एजेंसी द्वारा गुरुवार को आरोप पत्र दायर किए जाने की संभावना है.
इन अलगाववादी नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने 2010 और 2016 में कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों और पथराव कराने के लिए पाकिस्तान से धन (फंड) लिया था. मीरवाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो धड़ों से जुड़े कई अलगाववादियों को आतंकी फंडिंग के आरोप में एनआईए ने 2017 में गिरफ्तार किया था.
इसके अलावा एनआईए ने अलगाववादियों के लिए पाकिस्तान से खुफिया तौर पर फंड लेने के लिए श्रीनगर के एक व्यापारी जहूर वटाली को भी गिरफ्तार किया. एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए कुछ ज्ञात अलगाववादी नेताओं में शब्बीर शाह, नईम खान, मसरत आलम, असिया अंद्राबी और फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे शामिल हैं.
यासीन मलिक को 2010 और 2016 में अलगाववादी आंदोलन के दौरान कश्मीर में अशांति फैलाने में उनकी भूमिका को लेकर चार अप्रैल को गिरफ्तार किया गया. 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद से घाटी में अशांति फैलाने का उन पर आरोप है.
मलिक जॉइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) का हिस्सा था, जिसमें मीरवाइज और सैयद अली शाह गिलानी गुट भी शामिल था. इसने अलगाववादी आंदोलन की अगुवाई की थी. पाकिस्तानी महिला मशाल मलिक से शादी करने वाले मलिक पर यह भी आरोप है कि कश्मीर में आतंक फैलाने वाले और संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक रूप से आंतकी घोषित किए गए मुंबई हमले के मास्टरमाइड हाफिज सईद के साथ भी उसके संबंध हैं.
एनआईए का आरोप-पत्र कहता है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुरे में मलिक ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कैंपों का दौरा किया था और वहां लश्कर के कैडर (आतंकवादियों) को संबोधित किया था. आरोप-पत्र मे कहा गया है, "आरोपी यासीन मलिक ने इस बात को खुद पत्रकार रजत शर्मा को दिए एक साक्षात्कार में टीवी पर (आप की अदालत कार्यक्रम में) इस बात को कबूल किया है."