अयोध्या भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के शनिवार के फैसले के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने एक सुर से फैसले का स्वागत किया और इसके प्रति सम्मान जाहिर किया है. मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. हमने पहले भी कहा था कि अदालत का फैसला मानेंगे. आज भी कह रहे हैं कि हम इसे मानते हैं. अब देखना है कि सरकार हमें मस्जिद निर्माण के लिए कहां जगह देती है. फिलहाल अदालत के इस निर्णय से एक बहुत बड़ा मसला हल हो गया है."
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. हम लोगों ने शुरू से ही कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह हमें मंजूर होगा. सभी से यही अपील है कि सांप्रदायिक सौहाद्र्र बनाए रखें. हमारी जो भी लीगल कमेटी है, वह पूरे जजमेंट पर स्टडी करेगी उसके बाद कोई फाइनल स्टेटमेंट मुस्लिम आर्गनाइजेशन की तरफ से दिया जाएगा."
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आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं, हम अपने देश की अदालत के साथ हैं. हम आगे की रणनीति शिया वक्फ बोर्ड की बैठक के बाद तय करेंगे."
शिया मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. हमने पहले ही कहा था कि फैसला जो भी होगा, उसे हम स्वीकार करेंगे और वैसा ही हमने किया भी है. देश की जनता से हम अपील करते हैं कि आपसी भाईचारा व सद्भावना बनाए रखें."