मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस (Congress) के 16 विधायकों ने विधानसभा अपीकर को पत्र लिखकर कहा कि जैसे आपने 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए हैं वैसे ही हमारे इस्तीफे भी स्वीकार करें. इन 16 विधायकों में जजपाल सिंह जज्जी,बृजेंद्र सिंह यादव, रणबीर सिंह जाटव, कमलेश जाटव, गिर्राज दण्डोतिया, मनोज चौधरी, ओपीएस भदौरिया, रक्षा संतराम सरौनिया, सुरेश धाकड़, राज्यवर्धन सिंह प्रेमसिंह, बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, जसमंत सिंह जाटव, मुन्नालाल गोयल, रघुराज सिंह कंषाना और ऐदल सिंह कंषाना शामिल हैं. बता दें कि विधानसभा स्पीकर ने 22 विधायकों में से अभी तक सिर्फ 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकारे हैं. अन्य 16 विधायकों के इस्तीफे पर अभी तक कुछ फैसला नहीं हुआ है.
इस बीच कांग्रेस MLAs विधायक दल की बैठक के लिए CM कमलनाथ के आवास पर पहुंचे. मध्य प्रदेश की सियासत में सोमवार को दिन बेहद अहम है. सोमवार को सीएम कमलनाथ को सदन में बहुमत साबित करना है. हालांकि अभी तक इस फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस बना हुआ है. विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति ने रविवार को कहा कि फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं, आपको कल ही इस बारे में पता चल जाएगा. मैं आपको अपने फैसले के बारे में पहले से नहीं बताऊंगा.
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विधायकों ने की इस्तीफे स्वीकारने की गुजारिश-
16 #MadhyaPradesh rebel Congress MLAs write to Assembly Speaker Narmada Prasad Prajapati, requesting him to accept their resignations just like he accepted the resignation of 6 Congress MLAs on 14th March.
— ANI (@ANI) March 15, 2020
इससे पहले बीजेपी नेताओं की दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर बैठक हुई. इस बैठक में पूर्व सीएम शिवराज सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि शामिल हुए. बता दें कि अभी यह तय नहीं है कि इन विधायकों पर स्पीकर क्या फैसला लेते हैं. यदि उनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं, तो कांग्रेस के पास मात्र 92 विधायक रह जाएंगे. इससे विधानसभा की संख्या 206 और बहुमत का आंकड़ा 104 पर आ जाएगा. ऐसे में विधानसभा में बीजेपी आसानी से सरकार बना सकती है क्यों कि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं.
इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन ने विधानसभा स्पीकर को बहुमत परीक्षण कराने का निर्देश देते हुए कहा है कि 16 मार्च को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा. साथ ही राज्यपाल ने बहुमत परीक्षण केवल बटन दबाकर (वोटिंग) कराने का निर्देश दिया है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस विधायकों के बगावत के बाद राज्य सरकार अल्पमत में आ गई है. इसलिए राज्यपाल के अभिभाषण और बजट सत्र से पहले फ्लोर टेस्ट जरुरी है. बीजेपी ने विधानसभा में मत विभाजन हाथ उठाकर नहीं कराने की मांग की थी.