मोदी सरकार ने बोडोलैंड विवाद को भी सुलझाया, गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में NDFB और सरकार के बीच हुआ समझौता
भारत सरकार गृह मंत्रालय (MHA) ने प्रतिबंधित संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के सभी गुटों के प्रतिनिधियों के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल भी उपस्थित थे. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि आज भारत सरकार, असम सरकार और बोडो प्रतिनिधियों ने एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता असम के लिए और बोडो लोगों के लिए एक सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करेगा. इस समझौते के बाद संगठन की अलग बोडोलैंड राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मुख्य मांग के बिना आदिवासियों को राजनीतिक और आर्थिक लाभ हासिल होंगे.
दिसपुर:- भारत सरकार गृह मंत्रालय (MHA) ने प्रतिबंधित संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के सभी गुटों के प्रतिनिधियों के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल भी उपस्थित थे. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि आज भारत सरकार, असम सरकार और बोडो प्रतिनिधियों ने एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता असम के लिए और बोडो लोगों के लिए एक सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करेगा. इस समझौते के बाद संगठन की अलग बोडोलैंड राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मुख्य मांग के बिना आदिवासियों को राजनीतिक और आर्थिक लाभ हासिल होंगे.
अमित कहा कि इस समझौता के मुख्य बिंदु हैं, करीब1550 हथियारी कैडर का 130 हथियारों के साथ देश की मुख्य धारा में शामिल होना और 30 जनवरी को हथियार आत्मसमर्पण करेंगे, मैं गृह मंत्री होने के नाते मैं सभी प्रतिनिधियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सभी वादे समय से पूरे होंगे.
बता दें कि सरकार के साथ समझौता किया उनमें रंजन डैमारी, गोविंदा बासुमातरी, धीरेन बारो और बी. साओरैगरा के नेतृत्व वाले गुट शामिल है. एनडीएफबी. साओरायगरा धड़ा म्यामांर स्थित अपने आधार से करीब 15 दिन पहले लौटा था और सरकार के साथ अभियान रोकने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था. दाईमारी को दो दिन पहले असम में एक जेल से रिहा किया गया था जिससे उसका समझौते में शामिल होना सुविधाजनक बन सके. यह भी पढ़ें:- असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल के काफिले को AASU के सदस्यों ने दिखाए काले झंडे, वायरल हुआ Video
गौरतलब हो कि इन संगठनो का फैसला उस वक्त आया है जब कुछ दिनों पहले ही असम के आठ प्रतिबंधित संगठनों से तालुक रखने वाले कुल 644 उग्रवादियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. इनका संबंध उल्फा (I), एनडीएफबी, आरएनएलएफ, केएलओ, सीपीआई (Maoist), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी के लोग शामिल थे. जिनमें 50 का संबंध उल्फा (आई) से, आठ नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) से और 178 आदिवासी ड्रैगन फाइटर (एडीएफ) से है.