मिशन 2019: बीजेपी ने रणनीति में किया बदलाव, नए चहरों को मिलेगा मौका
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Photo: PTI)

नई दिल्ली: देश में पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद अब बीजेपी मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपने आपको उभारने की तैयारी में जुट गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी शुरुआत इन सूबों की विधानसभाओं में विधायक दल के नेता के चुनाव से हो सकती है. आगे आने वाले समय में पार्टी का भविष्य बेहतर हो इसलिए पार्टी पूर्व सीएम की जगह पर नए चहरों को ला सकती है.

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने 13 साल तक शासन किया. वहीं छत्तीसगढ़ में रमन सिंह ने 15 साल तक राज किया. ऐसे में इन राज्यों में बीजेपी में दूसरी पंक्ति तो बनी, लेकिन उन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सका. वहीं अगर तीसरे और महत्वपूर्ण राज्य राजस्थान की बात की जाए तो यहां पर भी इसी अवधि में वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष की भूमिकाओं निभाती रही हैं. लेकिन अब इन तीनों राज्यों में राजनैतिक रुख कुछ और ही दिखाई दे रहा है.

यह भी पढ़े: बीजेपी के लिए साल 2018- त्रिपुरा में ढहाया लेफ्ट का किला तो इन राज्यों में गई सरकार

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर आ रही है कि अब पार्टी इन राज्यों में बदलाव की सोच रही है. हालांकि, तीनों ही पूर्व मुख्यमंत्रियों का मन राज्य में ही रहने का है, लेकिन पार्टी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर इनका उपयोग करना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी का उच्च नेत्रत्व शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा चुनाव के लिए उतार सकती है. हालांकि रमन सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ाया जाएगा या नहीं ये कहना अभी जल्दबाजी होगी.

चुने जाएंगे नेता प्रतिपक्ष

बता दें कि अगले महीने जनवरी में यानी कि नए साल के मौके पर भारतीय जनता पार्टी को इन तीनों राज्यों में अपने विधायक दल के नेताओं का चयन करना है. खबरों के मुताबिक इस दौरान जिन नेताओं का चयन किया जाएगा, वही नेता प्रतिपक्ष भी बनाया जाएगा. मध्यप्रदेश में नरोत्तम म्रिश्रा का नाम भी इसके लिए चर्चा में है. छत्तीसगढ़ में पार्टी के कई बड़े नेताओं के हार जाने के कारण रमन सिंह नेता चुने जा सकते हैं. राजस्थान में फैसला वसुंधरा राजे की सहमति से होना है. हालांकि ये भी खबर है कि वसुंधरा राजे राज्य में ही रहने का मन बना चुकीं है.

यूपी में भी पार्टी की विशेष योजना

उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए एक विशेष योजना बनाने की तैयारी कर रही है. राज्य में पार्टी एक चुनाव प्रभारी और छह क्षेत्रीय प्रभारियों के साथ मैदान में उतरेगी. पार्टी ने एक दिन पहले घोषित किए गए तीन प्रभारियों के बारे में साफ किया है कि वे क्षेत्रीय प्रभारी होंगे. अभी तीन क्षेत्रीय प्रभारी तथा एक चुनाव प्रभारी और घोषित किए जाने हैं.

गौरतलब है कि बीजेपी ने यूपी में समेत 18 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए चुनाव प्रभारी व सह प्रभारी घोषित किए थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भले ही अभी कुछ महीनों का समय बाकी रह गया हो, लेकिन राजनैतिक गलियारों में इसकी सुगबुगाहट साफ तौर से देखी जा सकती है. सभी राजनैतिक दल अपने-अपने हिसाब से 2019 की रणनीति बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं.