Diwali 2019: मन की बात में पीएम मोदी ने देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी, राम मंदिर और सरदार पटेल का किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दीपावली के अवसर पर देशवासियों से ‘मन की बात’ की. पीएम मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक संबोधन ‘मन की बात’ में सबसे पहले देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि इस दिवाली प्रकाश को विस्तार दें और शत्रुता की भावना को समाप्त करें.
Diwali 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को दीपावली (Deepavali) के अवसर पर देशवासियों से ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) की. पीएम मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक संबोधन ‘मन की बात’ में सबसे पहले देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी. उन्होंने दिवाली के मौके पर देशवासियों से स्थानीय लोगों, बुनकरों और कारीगरों से सामान खरीदने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने कहा कि इस दिवाली प्रकाश को विस्तार दें और शत्रुता की भावना को समाप्त करें. उन्होंने कहा कि आजकल दुनिया के अनेक देशों में दिवाली मनाई जाती है. इसमें सिर्फ भारतीय समुदाय शामिल होता है, ऐसा नहीं है बल्कि अब कई देशों की सरकारें, वहां के नागरिक दिवाली को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. एक प्रकार से वहां ‘भारत’ खड़ा कर देते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में फेस्टिवल टूरिज्म का अपना ही आकर्षण है. हमारा भारत, जो त्योहारों का देश है, उसमें #FestivalTourism की भी अपार संभावनाएं हैं. हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम त्योहारों का प्रसार करें. उन्होंने कहा कि पिछली मन की बात में हमने तय किया था कि इस दीपावली पर कुछ अलग करेंगे. मैंने कहा था कि आइए, हम सभी इस दीपावली पर भारत की नारी शक्ति और उनकी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें, यानी #BharatKiLaxmi का सम्मान. उन्होंने कहा कि भारत की लक्ष्मी की ऐसी अनेक कहानियां लोगों ने शेयर की हैं. आप जरुर पढ़िए, प्रेरणा लीजिए और खुद भी ऐसा ही कुछ अपने आस-पास से शेयर कीजिए और मेरा, भारत की इन सभी लक्ष्मियों को आदरपूर्वक नमन है. यह भी पढ़ें- Diwali 2019: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने देशवासियों को दीपावली की बधाई दी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 12 नवंबर को दुनिया भर में गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा. #GuruNanak देव जी का प्रभाव भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हैं. गुरुनानक देव जी मानते थे कि निस्वार्थ भाव से किए गए सेवा कार्य की कोई कीमत नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने अपना संदेश, दुनिया में, दूर-दूर तक पहुंचाया. वे अपने समय में सबसे अधिक यात्रा करने वालों में से थे, गुरु नानक का प्रकाश पर्व हमें उनके विचारों को जीवन में उतारने की प्रेरणा दे.
पीएम मोदी ने कहा कि 31 अक्टूबर की तारीख आप सबको याद होगी. भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल की जन्म जयंती का है जो देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले महानायक थे. सरदार साहब की कार्यशैली के विषय में जब पढ़ते हैं, सुनते हैं, तो पता चलता है कि उनकी प्लानिंग कितनी जबरदस्त होती थी. सरदार पटेल बारीक-से-बारीक चीजें को भी बहुत गहराई से देखते थे, परखते थे. सही मायने में , वे 'मैन ऑफ डिटेल' थे. उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को हर बार की तरह 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन किया जा रहा है जिसमें समाज के हर वर्ग और हर तबके के लोग शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि 'रन फॉर यूनिटी' इस बात का प्रतीक है कि यह देश एक है. एक दिशा में चल रहा है और एक लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है. एक लक्ष्य- एक भारत, श्रेष्ठ भारत.
पीएम मोदी ने कहा कि सरदार साहब की याद में बना ‘#StatueofUnity’ देश और दुनिया को समर्पित किया गया था. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. अमेरिका में स्थित ‘Statue Of Liberty’ से भी ऊंचाई में डबल है. मुझे आशा है कि आप सभी लोग अपने कीमती समय से कुछ वक़्त निकाल कर 'Statue of Unity' देखने जाएंगे. उन्होंने कहा कि सितंबर 2010 में जब राम जन्मभूमि पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. जरा उन दिनों को याद कीजिए. भांति-भांति के कितने लोग मैदान में आ गये थे. कैसे-कैसे इंट्रेस्ट ग्रुप्स उस परिस्थितियों का अपने-अपने तरीके से फायदा उठाने के लिए खेल रहे थे. कुछ बयानबाजों ने, बड़बोलों ने सिर्फ और सिर्फ खुद को चमकाने के इरादे से न जाने क्या-क्या बोल दिया था, हमें सब याद है. लेकिन ये सब, पांच दिन, सात दिन, दस दिन, चलता रहा, लेकिन, जैसा ही फैसला आया, एक आनंददायक, आश्चर्यजनक बदलाव देश ने महसूस किया.
पीएम मोदी ने कहा कि एक तरफ़ दो हफ्ते तक गर्माहट के लिए सब कुछ हुआ था, लेकिन, जब राम जन्मभूमि पर फैसला आया तब सरकार ने, राजनैतिक दलों ने, सामाजिक संगठनों ने, सिविल सोसाइटी ने, सभी सम्प्रदायों के प्रतिनिधियों ने, साधु-संतों ने बहुत ही संतुलित और संयमित बयान दिए. उन्होंने कहा कि मुझे वो दिन बराबर याद है. जब भी उस दिन को याद करता हूं मन को खुशी होती है. न्यायपालिका की गरिमा को बहुत ही गौरवपूर्ण रूप से सम्मान दिया और कहीं पर भी गर्माहट का, तनाव का माहौल नहीं बनने दिया. एकता का स्वर, देश को, कितनी बड़ी ताकत देता है उसका यह उदाहरण है. उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर, हमारे देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा जी की हत्या भी उस दिन हुई थी. देश को एक बहुत बड़ा सदमा लगा था. मैं आज उनको भी श्रद्धांजलि देता हूं.