इंफाल, 6 अगस्त: मणिपुर में सीएम एन. बीरेन सिंह की सरकार को बड़ा झटका लगा है. मणिपुर विधानसभा में दो विधायकों के साथ कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) ने रविवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा नीत मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
केपीए अध्यक्ष तोंगमांग हाओकिप ने मणिपुर की राज्यपाल राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखे पत्र में कहा, ''मौजूदा संघर्ष पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की मौजूदा सरकार के साथ समर्थन रखने का कोई मतलब नहीं है. ऐसे में केपीए सरकार से अपना समर्थन वापस लेता है.''
केपीए के वरिष्ठ नेता डब्ल्यूएल हैंगशिंग ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी ने ईमेल के जरिए राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भेजा है. Manipur Violence: 'जवाहर लाल नेहरू हैं मणिपुर हिंसा के जिम्मेदार', बीजेपी सांसद जगन्नाथ सरकार ने दिया बयान
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साझेदार के रूप में केपीए के नेताओं ने 18 जुलाई को दिल्ली में आयोजित एनडीए की बैठक में भाग लिया था. हालांकि, केपीए के दो विधायकों किम्नेओ हैंगशिंग और चिनलुनथांग द्वारा समर्थन वापस लिए जाने से मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
60 सदस्यीय विधानसभा में केपीए के 2 विधायक हैं. जबकि भाजपा के 32 विधाक हैं. इन्हें एनपीएफ के पांच और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं विपक्षी विधायकों में एनपीपी के सात, कांग्रेस से पांच और जेडीयू से छह विधायक हैं.