नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सियासी घमासान अभी भी जारी है. बीजेपी ने साफ शब्दों में कहा दिया है कि वह महाराष्ट्र में अकेले के दम पर सरकार नहीं बनाएगी. इसके बाद सरकार बनाने को लेकर राज्यपाल की तरफ से शिवसेना को न्योता भेजा गया है. लेकिन शिवसेना बिना एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से राज्य में सरकार बना ही नहीं सकती है. ऐसे में शिवसेना को कांग्रेस अपना समर्थन देगी या विपक्ष में बैठेगी कांग्रेस वर्किंग कमिटी की तरफ से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के आवास पर एक बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में शामिल होने के लिए सीनियर कांग्रेस नेता अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे हैं.
इस बैठक में खुद कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी मौजूद हैं जहां पर चर्चा होने वाली है कि यदि शिवसेना को समर्थन दिया जाए तो किस शर्त पर. हालांकि सोनिया गांधी ने यह पहले ही कह चुकी है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस को किसे समर्थन देना है. इसका फैसला महाराष्ट्र के पार्टी के नेताओं के बाद एनसीपी मुखिया शरद पवार से इसके बारे में पहले चर्चा की जाएगी. इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र में जारी सत्ता घमासान के बीच कांग्रेस नेता ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, कहा- शिवसेना के साथ बनाएं सरकार
Delhi: Senior Congress leaders Ahmed Patel, KC Venugopal, and Mallikarjun Kharge arrive for Congress Working Committee (CWC) meeting at party interim President Sonia Gandhi's residence, over the political situation in Maharashtra. https://t.co/6AYpQXMdc0 pic.twitter.com/cLpWEeHb5X
— ANI (@ANI) November 11, 2019
बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी शिवसेना के बीच घमासान शुरू है. बीजेपी शिवसेना भले ही एक साथ मिलकर चुनाव लड़ी है. लेकिन सीएम पद को लेकर मचे बवाल को लेकर दोनों बीच सरकार बनती नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसा इसलिए कि दोनों पार्टी भले ही चुनाव मिलकर लड़ा, लेकिन दोनों के पास एक साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए बहुमत जरूर मिला है. लेकिन अकेल दोनों पार्टियां सरकार नहीं बना सकती है. क्योंकि बीजेपी को जहां 105 सीटें मिली हैं वहीं शिवसेना को 56 सीटें. ऐसे में यदि राज्य में शिवसेना दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद सरकार बनाती है तो इसके लिए उसे एनसीपी के जीते हुए 54 विधायक तो कांग्रेस के 44 विधयाकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी तभी जाकर सरकार बन सकती हैं.