भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले पर सीएम उद्धव ठाकरे बोले- फडणवीस सरकार ने दर्ज केस वापस लेने का दिया था आदेश, हम पहले इस पर करेंगे विचार

एनसीपी के नेता धनंजय मुंडे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में दर्ज सभी केस वापल लेने की मांग की है. इस मसले पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि पिछली सरकार (फडणवीस सरकार) ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में दर्ज केस वापस लेने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा कि अब हम इस पर पहले विचार करेंगे.

सीएम उद्धव ठाकरे (Photo Credits: ANI)

मुंबई: एनसीपी (NCP) के नेता धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) को पत्र लिखकर भीमा-कोरेगांव हिंसा (Bhima Koregaon case) मामले में दर्ज सभी केस वापस लेने की मांग की है. धनंजय मुंडे ने पत्र में उद्धव से कहा है कि भीमा-कोरेगांव मामले में अर्बन नक्सल बताकर लोगों के खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया था, इसलिए ये सभी केस वापस ले लिए जाएं. हालांकि हिंसा के इस मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल हो चुकी है. इस मसले पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) ने कहा है कि पिछली सरकार (फडणवीस सरकार) ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में दर्ज केस वापस लेने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा कि अब हम इस पर पहले विचार करेंगे.

बताया जा रहा है कि पत्र में मुंडे ने सीएम उद्धव से कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों को नक्सली बताकर उनके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज किए गए थे. बता दें कि धनंजय मुंडे के अलावा एनसीपी नेता प्रकाश गजभिये ने भी उन्हें खत लिखकर भीमा कोरेगांव मामले में दर्ज केस वापस लेने का अनुरोध किया है.

देखें ट्वीट- 

ज्ञात हो कि 1 जनवरी 2018 को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में जब जातिगत हिंसा भड़की थी उस दौरान राज्य में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन वाली सरकार थी. हिंसा के इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था और हिंसा मामले में केस दर्ज किया गया था. हालांकि इससे पहले उद्धव ठाकरे सरकार ने नाणार रिफाइनरी और आरे मामले में दर्ज मामलों को वापस ले लिए थे. यह भी पढ़ें: उद्धव ठाकरे का सीएम चार्ज संभालते ही आदेश, आरे में मेट्रो शेड के काम पर रोक, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बगैर जारी रहेंगे विकास कार्य

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के बाद महाराष्ट्र के सीएम पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच मतभेद बढ़ने के कारण दोनों पार्टियों के बीच दरार पड़ गई, जिसके बाद बीजेपी से अलग होकर शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार का गठन किया है.

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