महाराष्ट्र में भाजपा की आंधी! अकेले BJP की सीटें इंडिया गठबंधन से दोगुनी, आकड़े देख चौंक जाएंगे आप

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए INDIA गठबंधन से दोगुनी सीटों पर बढ़त बना ली है. एनडीए गठबंधन में बीजेपी की बढ़त बेहद मजबूत दिख रही है. महाराष्ट्र में बीजेपी अकेले 126 सीटों पर आगे चल रही है.

नतीजों का हाल:

एनडीए (बीजेपी सहित): 216 सीटें

INDIA गठबंधन: 57 सीटें

अन्य: 15 सीटें

महाराष्ट्र में बीजेपी की यह प्रचंड बढ़त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की सफलता को दर्शाती है. वहीं, INDIA गठबंधन का प्रदर्शन कमजोर रहा है, जिससे उनकी चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

महाराष्ट्र चुनाव: महायुति की जीत के 5 बड़े कारण

1. शिंदे का मुख्यमंत्री बने रहना फायदेमंद साबित हुआ 

भाजपा ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर मराठा प्राइड को साधने की रणनीति अपनाई, जो कामयाब रही. शिंदे को मराठा सम्मान का प्रतीक मानते हुए आम जनता ने उन्हें समर्थन दिया. शिवसेना (यूबीटी) को कमजोर करने और मराठा आंदोलन का प्रभाव कम करने में भी शिंदे का अहम रोल रहा.

2. कल्याणकारी योजनाओं का असर 

लड़की बहिन योजना और टोल माफी जैसे फैसलों ने जनता पर गहरा प्रभाव डाला. लोगों को लगा कि शिंदे के नेतृत्व में उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा. खासतौर पर महिलाओं ने महायुति को वोट दिया, जिससे एमवीए का कोर वोट बैंक खिसक गया.

3. हिंदू-मुस्लिम संतुलन साधने में सफलता 

महायुति ने हिंदू वोटों को ध्रुवीकृत किया, वहीं मुस्लिम समुदाय को भी साथ जोड़ा. मदरसों के शिक्षकों की सैलरी बढ़ाने जैसे कदमों से मुस्लिम वोटरों को रिझाया गया. इससे एनसीपी और शिंदे शिवसेना को मुस्लिम वोट मिले.

4. बीजेपी की स्थानीय रणनीति 

इस बार भाजपा ने स्थानीय नेताओं को प्रचार में प्राथमिकता दी. डिप्टी सीएम फडणवीस की रैलियां अधिक कराई गईं, जिससे जनता से सीधा जुड़ाव बना.

5. संघ और भाजपा का संयुक्त प्रयास 

संघ के कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर भाजपा का संदेश फैलाया. लोकसभा चुनाव के संदेश को दोहराकर भूमि जिहाद और लव जिहाद जैसे मुद्दों को उठाया, जिससे वोटर भाजपा के पक्ष में आए.

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को सभी 288 सीटों पर एक साथ मतदान हुआ. सत्तारूढ़ महायुति में शामिल BJP ने 149 सीट, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 81 सीट और अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ा. एमवीए में शामिल कांग्रेस ने 101, शिवसेना (UBT) ने 95 और NCP (शरदचंद्र पवार) ने 86 सीटों पर चुनाव लड़ा था.