कोरोना महामारी के कारण देश के अलग-अलग शहरों और गांवों में रहने वाले कई परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूटा है. किसी परिवार में एक शख्स की मौत हुई तो किसी परिवार में कमाने वाले सदस्य की ही मृत्यु हो गई. कोविड-19 (COVID-19) के कारण कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया. ऐसे में अब राज्य सरकारों ने इन पीड़ित परिवारों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने गुरुवार को ऐलान कर कहा कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को राज्य सरकार एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी. उन्होंने बीजेपी विधायकों के साथ चर्चा के दौरान यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि आज मैं विधायक मित्रों से कह रहा हूं कि हम आज एक और व्यवस्था कर रहे हैं. वह व्यवस्था है, इस दूसरी लहर में कोविड-19 के कारण जिस परिवार में मृत्यु हुई है, उस परिवार को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी. यह भी पढ़ें- Madhya Pradesh: दतिया और भिंड में कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों को नागिन डांस करने एवं मेढ़क दौड़ लगाने की सजा, देखें VIDEO.
शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि आखिर उनके घर संकट आया है, परेशानी आई है. हम केवल सहानुभूति देकर नहीं रह सकते. वो हमारे अपने लोग हैं. उनका दर्द हमारा कष्ट है. उन्होंने कहा कि हमने (उन्हें बचाने की) कोशिश की, लेकिन हम बचा नहीं पाये. परिवार का तो नुकसान हो गया. लेकिन एक लाख रुपये उन परिवारों को अनुग्रह राशि दी जाएगी.
शिवराज सिंह चौहान ने किया ऐलान-
प्रदेश के पीड़ित परिवारों के साथ प्रदेश सरकार और हम पूरी दृढ़ता से खड़े हैं। #COVID19 के कारण इस दूसरी लहर में जिस परिवार में किसी की मृत्यु हुई है, उस परिवार को एक लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जायेगी। #MPFightsCorona pic.twitter.com/G4tBRJ3TPs
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 20, 2021
पंजाब सरकार ने भी की घोषणा-
Affected persons would also be eligible for grant of Rs 51000 under Ashirwaad Scheme w.e.f. 1st July & would be entitled to free ration under State Smart Ration Card Scheme & coverage under Sarbat Sehat Bima Yojana. Measures will be provided to orphans till age of 21: Punjab CMO
— ANI (@ANI) May 20, 2021
पंजाब सरकार ने कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों और महामारी में कमाऊ सदस्य खोने वाले परिवारों को 1500 रुपये महीना सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा स्नातक तक नि:शुल्क शिक्षा देने का गुरुवार को फैसला किया. एक सरकारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे बच्चों के साथ-साथ उन परिवारों के बच्चों के लिए सरकारी संस्थानों में नि:शुल्क शिक्षा सुनिश्चित करेगी, जिन्होंने कोविड की वजह से कमाऊ सदस्य को खो दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों का पालक बनना राज्य का कर्तव्य है, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को कोविड-19 महामारी में खो दिया है.
सिंह ने कहा कि प्रभावित व्यक्ति एक जुलाई से आशीर्वाद योजना के तहत 51,000 रुपये के पात्र होंगे और उन्हें राज्य स्मार्ट राशन कार्ड योजना के तहत मुफ्त राशन मिलेगा और वे सरबत सेहत बीमा योजना के पात्र होंगे. इससे पहले आशीर्वाद योजना के तहत गरीब परिवार को लड़की की शादी के लिए 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती थी जबकि 'सरबत सेहत बीमा योजना' के तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये का पात्रता आधारित कैशलेस स्वास्थ्य बीमा कवर मिलता है. मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय कोविड समीक्षा बैठक के बाद कहा कि राज्य सरकार 'घर-घर रोज़गार ते कारोबार मिशन' के तहत प्रभावित परिवार के सदस्यों को उपयुक्त नौकरी खोजने में भी सहायता करेगी.
अनाथों को 21 वर्ष की आयु तक राहत उपाय प्रदान किए जाएंगे. सिंह ने कहा कि जिन परिवारों में कमाऊ व्यक्ति की मौत हो गई है, उनमें राहत उपाय शुरुआती तौर पर तीन साल तक दिए जाएंगे और फिर स्थिति की समीक्षा की जाएगी और जहां हालात खराब होंगे वहां पर इनका विस्तार कर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने हर एक मामले की प्रगति और राहत उपायों की समीक्षा के लिए एक निगरानी समिति के गठन की भी घोषणा की जिसकी अगुवाई सामाजिक, सुरक्षा और महिला एवं विकास मंत्री करेंगे. उन्होंने कहा कि समिति महीने में कम से कम एक बार बैठक करेगी.
भाषा इनपुट