व्यापम घोटाले की जांच की तैयारी में कमलनाथ सरकार
सीएम कमलनाथ (Photo: PTI)

भोपाल: लंबे समय तक चर्चा में रहा मध्य प्रदेश का कथित व्यापम घोटाला सूबे में कांग्रेस की सरकार आते हुए फिर से सुर्खियों में है. जी हां, सत्ता बदलने के बाद फिर से व्यापाम घोटाला को उजागर करने की कवायद की जा रही है. प्रदेश सरकार में गृहमंत्री बाला बच्चन ने इस घोटाले से जुड़े लोगों को न बख्शे जाने की बात कही है.

गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को खूब तूल दी थी और कहा था कि अगर वह सत्ता में आएंगे तो इस पूरे मामले की दोबारा से जांच करवाएंगे. बता दें कि व्यापम मामले की जांच के दौरान अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक व्यापम का नाम बदलकर अब ‘प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड’ कर दिया गया है. बाला बच्चन ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'व्यापम घोटाले में जो भी शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. सरकार जरुरी दिशा में कदम उठाने की तैयारी कर रही है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान व्यापम को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाए थे.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा था, 'पहली बार जब्त हुए डेटा में व्यापम के माध्यम से प्रवेश कराने वाले सिफारिशकर्ता के तौर पर 48 बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नाम और मिनिस्टर वन, मिनिस्टर टू और मिनिस्टर थ्री के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम भी शामिल है लेकिन सीबीआई उन्हें बचा रही है. सीबीआई तथ्यों की अनदेखी कर रही है, इसीलिए दिग्विजय ने मुकदमा दायर किया है. दिग्विजय ने कुल 27000 पन्ने के दस्तावेज पेश किए हैं.'

बहराल, व्यापम घोटाले को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में लंबे समय से तकरार रही है. जब कांग्रसे सूबे की सत्ता पर काबिज नहीं थी तब वह दावा ठोकती थी कि इस घोटाले में बीजेपी की बड़े नेता शामिल हैं. हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जब ये कथित घोटाला हुआ था उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी. इस वजह से कांग्रेस पर भी लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. इस सबके बीच अब एक बार फिर से राज्य की नई नवेली सरकार ने इस घोटाले को उजागर करने का बीड़ा उठाया है ये अपने आप में एक सकारात्मक पहल है. अब देखना होगा कि इस घोटाले के कौन-कौन से नए पन्ने खुलते हैं और किन नेताओं का नाम सामने आता है.