नई दिल्ली, 29 नवंबर: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने राष्ट्रीय अंगदान दिवस (Indian Organ Donation Day) के मौके पर शनिवार को कहा कि अंग दान जीवन दान है, अंग दान महादान है एवं इसे जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है. बिरला ने एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की परंपरा रही है कि जब भी मानवता पर संकट आया है, तब-तब ऋषि-मुनियों व भारतवर्ष की जनता ने स्वेच्छा से अपना सहयोग दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना (Coronavirus) वैश्विक महामारी के संदर्भ में यह देखा गया है कि किस तरह से भारत ने मानवीय सेवा एवं सामूहिक प्रयास के द्वारा इस चुनौती का मुकाबला किया है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बड़ी संख्या में प्लाज्मा और रक्तदान करने वाले लोगों का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर सभी को यह विचार करना चाहिए कि अंगदान को किस प्रकार से प्रोत्साहन दिया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि विश्व में ऋषि दधीचि संभवत: ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने जनकल्याण के लिए अपना शरीर तक दान कर दिया था.
ओम बिरला ने अंगदान के विषय में कहा कि जनमानस के मन में आज भी कई भ्रांतियां हैं तथा देश में लोगों की अंगदान के प्रति जागरूकता कम है. उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में कई मानवतावादी इच्छुक व्यक्ति भी देहदान नहीं कर पाते. उन्होंने इस विषय पर जनजागृति विकसित करने के प्रयासों के लिए संस्था एवं आयोजकों का धन्यवाद किया. इस अवसर पर दधिचि देहदान समिति के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, दधिचि देहदान समिति के अध्यक्ष हर्ष मल्होत्रा ने देहदान की उपयोगिता बताते हुए अधिक से अधिक लोगों से इस दिशा में आगे आने की अपील की.