उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होना अभी बाकी है. हालांकि उम्मीदवारों के नाम पर अटकलों का बाजार गर्म है. पूर्व सीएम मेजर जनरल (रिटायर्ड) भुवन चंद्र खंडूरी (Bhuwan Chandra Khanduri) के बेटे मनीष खंडूरी (Manish Khanduri) के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनका नाम पौड़ी सीट से लगभग तय है. पूर्व सीएम बीसी खंडूरी वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र का ही नेतृत्व कर रहे हैं. अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वे पहले ही आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं. उत्तराखंड के बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट और राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को दिल्ली में जनरल खंडूरी के आवास पर मुलाकात की. दोनों नेताओं ने उनसे इस बार भी पौड़ी गढ़वाल से लोकसभा चुनाव लड़ने की अनुरोध किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.
इस सीट के लिए बीजेपी की तरफ से भी एक बड़े नाम की अटकले लगाई जा रही है. यह नाम है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल (Shaurya Doval) का. लंबे समय से पौड़ी में बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे शौर्य का नाम इस सीट से आगे चल रहा है. शौर्य एक साल से भी अधिक समय से 'बेमिसाल गढ़वाल' अभियान चला रहे हैं, जो कई हद तक कामयाब भी हुआ है. उनके नाम और काम को देखते हुए उन्हें बीजेपी का टिकट मिल सकता है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019 VIP सीट: जानें देवभूमि हरिद्वार के सियासी समीकरण
पौड़ी सीट है बीजेपी का गढ़
उत्तराखंड की पौड़ी लोकसभा सीट का राजनीति में बड़ा स्थान है. पौड़ी हमेशा से बीजेपी का गढ़ रहा है. बीजेपी के कई बड़े नेताओं की जन्मभूमि पौड़ी है जिस वजह से पौड़ी के लोगों के मन में बीजेपी के लिए हमेशा से अलग स्थान रहा है. यहां पूर्व सैनिकों और सशस्त्र बलों के जवानों की बड़ी आबादी बीजेपी का तगड़ा वोट बैंक है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूरी, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सभी पौढ़ी गढ़वाल के ही हैं.
मनीष खंडूरी बीजेपी के लिए खतरा
कांग्रेस में शामिल हुए मनीष खंडूरी को उनके पिता की लोकप्रियता के चलते वोट मिल सकते हैं. यह बात इन दिनों बीजेपी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. हालांकि पूर्व सीएम जनरल खंडूरी कह चुके हैं कि वे बीजेपी के साथ हैं. वे अपने बेटे के लिए प्रचार नहीं करेंगे. कांग्रेस में शामिल होना उनके बेटे का निजी फैसला है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019 VIP सीट: बेहद रोचक है टिहरी का सियासी इतिहास, क्या इस बार भी चलेगा राजघराने का जादू
पौड़ी का सियासी इतिहास
साल 1952 से 70 के दशक तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. साल 1977 से जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर बीजेपी अपना परचम लहरा रही है. हालांकि सिर्फ साल 2009 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सतपाल महाराज बीजेपी को हराकर यह सीट ले गए. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में वापिस यह सीट बीजेपी के पाले में आ गई. वर्तमान में राज्य के पूर्व सीएम मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी इस सीट से सांसद हैं.
गौरतलब है कि मेजर जनरल खंडूरी ने 2004 और 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए यह सीट जीती थी. 2003-04 के बीच वह केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री रहे. इसके अलावा 2007 और 2012 में बीजेपी विधायक भी रहे और मार्च 2017 से जून 2009 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे. सितंबर 2011 से मार्च 2012 तक भी राज्य की कमान उन्हीं के हाथों में रही.