लोकसभा चुनाव 2019 VIP सीट: जानें देवभूमि हरिद्वार के सियासी समीकरण

उत्तराखंड का देश की राजनीति में बड़ा स्थान है. यहां की सबसे बड़ी सीट है हरिद्वार. धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ इस जगह का राजनीति में अपना खास दबदबा ह

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लोकसभा चुनाव 2019 VIP सीट: जानें देवभूमि हरिद्वार के सियासी समीकरण

उत्तराखंड का देश की राजनीति में बड़ा स्थान है. यहां की सबसे बड़ी सीट है हरिद्वार. धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ इस जगह का राजनीति में अपना खास दबदबा है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक इस वक्त इस सीट से सांसद हैं.

राजनीति Vandana Semwal|
लोकसभा चुनाव 2019 VIP सीट: जानें देवभूमि हरिद्वार के सियासी समीकरण
रमेश पोखरियाल निशंक और हरीश रावत (Photo Credit-PTI)

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर चुका है. देश में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में चुनाव होंगे. 23 मई को वोटों की गिनती के साथ राजनैतिक पार्टियों के भविष्य का फैसला होगा. सत्ता की कुर्सी के लिए बीजेपी और कांग्रेस में इस बार पहले से कई ज्यादा बड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. बीजेपी नीत एनडीए इस बार भी ब्रैंड मोदी के दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी. 'अब की बार फिर मोदी सरकार' के नारे के साथ बीजेपी देश में फिर से मोदी लहर लाने के लिए काम कर रही है. दूसरी ओर कांग्रेस मोदी सरकार को राफेल जैसे बड़े मुद्दों पर घेरकर जीत का रास्ता बनाने की कोशिश कर रही है.

उत्तराखंड का देश की राजनीति में बड़ा स्थान है. यहां की सबसे बड़ी सीट है हरिद्वार. धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ इस जगह का राजनीति में अपना खास दबदबा है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक इस वक्त इस सीट से सांसद हैं. हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र का विस्तार देहरादून और हरिद्वार जिले में है. साल 2014 में बीजेपी ने यहां से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक को मैदान में उतारा था. हालांकि उस दौरान निशंक पर हरिद्वार कुंभ में घोटाले के आरोप थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस नेता हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को बड़ी शिकस्त देकर अपना परचम लहराया था.

कभी बीजेपी, कभी कांग्रेस 

हरिद्वार सीट के राजनीतिक रुझान पर नजर डाले तो यहां कभी बीजेपी ने अपना झंडा गाड़ा तो कभी कांग्रेस ने अपनी ताकत दिखाई. 1977 हरिद्वार ने राजनीति के कई रंग देखे हैं. यहां 5 बार बीजेपी ने जीत हासिल की तो वहीं कांग्रेस ने भी 5 बार मैदान फतेह किया. 1977 से लेकर यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी जिसे साल 2009 में सामान्य घोषित किया गया. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019 VIP सीट: अमेठी में राहुल गांधी को फिर एक बार मिलेगी जीत या स्मृति ईरानी मारेंगी बाजी? पढ़ें इस सीट से जुड़ी कुछ रोचक बातें

एसपी, बीएसपी भी रेस में 

हरिद्वार के मतदाताओं के लिए कहा जाता है कि वे अपना सांसद रिपीट नहीं करते हैं. इस सीट को बीजेपी और कांग्रेस के अलावा एसपी और बीएसपी भी मुकाबले में रहती हैं. आज के समय में बीजेपी को इस सीट को लेकर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी यहां कई गुटों में बंटी है. इस सीट से मदन कौशिक, सतपाल महाराज और रमेश पोखरियाल निशंक के बीच आपसी मुकाबला है.

हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 14 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें रुड़की, खानपुर, झाबरेरा, हरिद्वार, डोइवाला, मंगलौर, लस्कर, भेल रानीपुर, हरिद्वार ग्रामीण, ऋषिकेश, पिरन कलियर, भगवानपुर, ज्वालापुरऔर धरमपुर सीट शामिल है. इनमें 11 विधानसभा सीटें हरिद्वार और तीन सीटें देहरादून जिले की हैं. मौजूदा विधानसभा में 14 में से महज 3 सीटों, भगवानपुर, मंगलौर और पिरन कलियार पर ही कांग्रेस के विधायक जीते हैं. जबकि अन्य सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.

राजनीति Vandana Semwal|
लोकसभा चुनाव 2019 VIP सीट: जानें देवभूमि हरिद्वार के सियासी समीकरण
रमेश पोखरियाल निशंक और हरीश रावत (Photo Credit-PTI)

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर चुका है. देश में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में चुनाव होंगे. 23 मई को वोटों की गिनती के साथ राजनैतिक पार्टियों के भविष्य का फैसला होगा. सत्ता की कुर्सी के लिए बीजेपी और कांग्रेस में इस बार पहले से कई ज्यादा बड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. बीजेपी नीत एनडीए इस बार भी ब्रैंड मोदी के दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी. 'अब की बार फिर मोदी सरकार' के नारे के साथ बीजेपी देश में फिर से मोदी लहर लाने के लिए काम कर रही है. दूसरी ओर कांग्रेस मोदी सरकार को राफेल जैसे बड़े मुद्दों पर घेरकर जीत का रास्ता बनाने की कोशिश कर रही है.

उत्तराखंड का देश की राजनीति में बड़ा स्थान है. यहां की सबसे बड़ी सीट है हरिद्वार. धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ इस जगह का राजनीति में अपना खास दबदबा है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक इस वक्त इस सीट से सांसद हैं. हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र का विस्तार देहरादून और हरिद्वार जिले में है. साल 2014 में बीजेपी ने यहां से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक को मैदान में उतारा था. हालांकि उस दौरान निशंक पर हरिद्वार कुंभ में घोटाले के आरोप थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस नेता हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को बड़ी शिकस्त देकर अपना परचम लहराया था.

कभी बीजेपी, कभी कांग्रेस 

हरिद्वार सीट के राजनीतिक रुझान पर नजर डाले तो यहां कभी बीजेपी ने अपना झंडा गाड़ा तो कभी कांग्रेस ने अपनी ताकत दिखाई. 1977 हरिद्वार ने राजनीति के कई रंग देखे हैं. यहां 5 बार बीजेपी ने जीत हासिल की तो वहीं कांग्रेस ने भी 5 बार मैदान फतेह किया. 1977 से लेकर यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी जिसे साल 2009 में सामान्य घोषित किया गया. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019 VIP सीट: अमेठी में राहुल गांधी को फिर एक बार मिलेगी जीत या स्मृति ईरानी मारेंगी बाजी? पढ़ें इस सीट से जुड़ी कुछ रोचक बातें

एसपी, बीएसपी भी रेस में 

हरिद्वार के मतदाताओं के लिए कहा जाता है कि वे अपना सांसद रिपीट नहीं करते हैं. इस सीट को बीजेपी और कांग्रेस के अलावा एसपी और बीएसपी भी मुकाबले में रहती हैं. आज के समय में बीजेपी को इस सीट को लेकर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी यहां कई गुटों में बंटी है. इस सीट से मदन कौशिक, सतपाल महाराज और रमेश पोखरियाल निशंक के बीच आपसी मुकाबला है.

हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 14 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें रुड़की, खानपुर, झाबरेरा, हरिद्वार, डोइवाला, मंगलौर, लस्कर, भेल रानीपुर, हरिद्वार ग्रामीण, ऋषिकेश, पिरन कलियर, भगवानपुर, ज्वालापुरऔर धरमपुर सीट शामिल है. इनमें 11 विधानसभा सीटें हरिद्वार और तीन सीटें देहरादून जिले की हैं. मौजूदा विधानसभा में 14 में से महज 3 सीटों, भगवानपुर, मंगलौर और पिरन कलियार पर ही कांग्रेस के विधायक जीते हैं. जबकि अन्य सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.

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