रविवार को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों का बिगुल बजा दिया है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में वोटिंग होगी. 23 मई को पता लगेगा कि जनता ने किसे समर्थन दिया है. इन चुनावों में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. एक ओर जहां बीजेपी पीएम मोदी की लोकप्रियता के दम पर फिर एक बार सत्ता काबिज करने की रणनीति बना रही हैं, वहीं कांग्रेस राफेल जैसे मुद्दे को उठाकर सत्ता में वापसी करना चाहती हैं.
वैसे, ये चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी बेहद अहम हैं. कांग्रेस अध्यक्ष अपने नेतृत्व में जीत दर्ज करना चाहेंगे. वैसे कांग्रेस अध्यक्ष इस बार भी अमेठी से चुनावी मैदान में उतरेंगे. अमेठी कांग्रेस का मजबूत किला है मगर पिछले कुछ सालों में यहां के सियासी हालत बदले हैं. आइये जानते हैं इस सीट से जुड़ी कुछ रोचक बातें.
कांग्रेस का गढ़ है अमेठी:
अमेठी हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है. पार्टी इस सीट पर केवल 1977 और 1998 में इस सीट से हारी है. पूर्व प्रधानमंत्री और राहुल गांधी के पिता 4 बार इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए हैं. 1999 में सोनिया गांधी भी इसी सीट से जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंची थी. राहुल गांधी 2004 से लगातार अमेठी के सांसद हैं. वो यहां 3 बार चुनाव जीत चुके हैं.
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बदलते समीकरण:
बता दें कि 2014 में बीजेपी ने स्मृति ईरानी को इस सीट से मैदान में उतारा था और उन्होंने काफी आक्रमकता से राहुल गांधी का मुकाबला किया था. राहुल गांधी जिनका 2009 में जीत का अंतर 3,70,198 था वो 2014 में घटकर 1,07,903 रह गया था. वैसे पिछली बार आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास को 25,527 वोट हसील हुए थे.
हाल ही में पीएम मोदी ने अमेठी के मुंशीगंज की इंडो-रूस की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की नई इकाई की आधारशिला रखी थी. इस फैक्ट्री में AK-203 मॉर्डन राइफल बनाई जाएंगी. इसे बीजेपी का कांग्रेस अध्यक्ष को उनके 'घर' में घेरने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
सपा-बसपा का राहुल को साथ:
सपा-बसपा महागठबंधन ने भी इस सीट से राहुल गांधी को समर्थन देने का ऐलान किया है. इसका फायदा राहुल गांधी को मिलेगा. पिछली बार इस सीट से बहुजन समाज पार्टी ने धर्मेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतरा था और उन्होंने 57,716 वोट हासिल किए थे.
वैसे इस सीट का जातीय समीकरण भी राहुल गांधी के पक्ष में है. अमेठी में 4 लाख से ज्यादा मुस्लिम और 3 लाख से ज्यादा दलित वोटर हैं.