लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) की घोषणा के बाद बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नीत महागठबंधन में सीट बंटवारे और उम्मीदवारी को लेकर सरगर्मी तेज हो गई. ऐसे में भाजपा के कम से कम पांच मौजूदा सांसदों के भी टिकट कटने की चर्चा जोरों पर है. कई नेता दिल्ली तक दौड़ भी लगा रहे हैं. भाजपा के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा 22 सीटों पर विजयी हुई थी, इस चुनाव में राजग के घटक दलों में समझौते के अनुसार 17 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी. ऐसे में तय है कि उसे पिछले चुनाव में जीती पांच सीटें छोड़नी है.
पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं, जबकि दरभंगा के भाजपा सांसद कीर्ति आजाद अब कांग्रेस का 'हाथ' थाम चुके हैं और बेगूसराय के सांसद भोला सिंह का निधन हो चुका है. नवादा सीट भी लोक जनशक्ति पार्टी के हिस्से में जाना तय माना जा रहा है. ऐसे में वहां के सांसद गिरिराज सिंह का टिकट कट सकता है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि उन्हें बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ाने की बात चल रही है.
भाजपा के एक नेता कहते हैं, "पार्टी स्थानीय लोगों की नाराजगी और सहयोगी दलों की पकड़ वाले क्षेत्रों का अध्ययन कर रही है. ऐसे में संभावना है कि कुछ वर्तमान सांसदों को इस चुनाव में टिकट से वंचित होना पड़े. वैसे, अभी उम्मीदवार को लेकर चर्चा चल रही है. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी." यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: बिहार की वो 5 सीटें जहां हो सकता है कांटे का मुकाबला, जीतने वाले का दिल्ली में होगा दबदबा
इधर, लोजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने फोन पर बताया कि 18 मार्च से पहले राजग की सीटों और उम्मीदवारों की हो घोषणा हो जाएगी. उन्होंने कहा कि लोजपा को छह सीटें मिली हैं. पारस ने कहा कि राजग बिहार की सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा एक साथ करेगी. भाजपा के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट कटना तय है, जबकि दरभंगा से कीर्ति आजाद पहले ही पाला बदल चुके हैं. कहा जा रहा है कि महाराजगंज सीट से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल तथा सारण के सांसद राजीव प्रताप रूड़ी भी टिकट से वंचित हो सकते हैं.
बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 22 सीटें मिलीं थीं, जबकि सहयोगी लोजपा को छह और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को तीन सीटें मिली थीं. उस समय जद (यू) के दो प्रत्याशी ही विजयी हुए थे. इस चुनाव में भाजपा और जद (यू) 17-17 और लोजपा छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी. रालोसपा इस चुनाव में राजग के साथ नहीं है.