भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को जारी भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के संकल्प-पत्र को जुमला पत्र करार दिया है. कमलनाथ ने जारी एक बयान में कहा है, "48 पेज के 75 संकल्पों वाले इस संकल्प-पत्र में एक बार फिर बीजेपी के 2014 के घोषणा-पत्र के पुराने वादों को शामिल कर झूठे सपने दिखाने व जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है."
कमलनाथ ने आगे कहा, "चाहे राम मंदिर की बात हो, धारा 370 हटाने की बात हो, ये सब बातें बीजेपी ने 2014 के घोषणा-पत्र में भी की थी. लेकिन पूरे पांच वर्ष तक इन वादों को बीजेपी भूली रही, अब 2019 में एक बार फिर इन वादों को दोहरा कर वह जनता को झूठे सपने दिखाने का काम कर रही है. वास्तविकता यह है कि जनता अब इनकी हकीकत जान गई है."
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कमलनाथ ने वर्ष 2014 के चुनाव से पहले बीजेपी द्वारा किए गए वादों का जिक्र करते हुए कहा, "वर्ष 2014 में किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनकी उपज पर लागत से 50 प्रतिशत अधिक दाम देने का वादा करने वाले आज वर्ष 2019 में पांच साल बाद भी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 2022 तक का समय मांग रहे हैं. नोटबंदी से आतंकवाद-नक्सलवाद खत्म करने का दावा करने वाले 2019 के घोषणा-पत्र में भी इन्हीं बातों को दोहरा रहे हैं."
कमलनाथ ने कहा है, "आज जारी बीजेपी के संकल्प-पत्र से उम्मीद थी कि किसानों को कर्ज के दलदल से निकालने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना या उन्हें कर्जमुक्त बनाने पर बात होगी, लेकिन किसानों को कर्ज से उबारने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना का अभाव इस घोषणा-पत्र में दिखा. जबकि किसानों के लिए कांग्रेस ने अलग बजट लाने और न्याय योजना का वादा किया है."
कांग्रेस के घोषणा-पत्र का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, "कांग्रेस ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उन्हें 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही है. जबकि बीजेपी के घोषणा-पत्र में महिलाओं के उत्थान को लेकर कोई ठोस बात नहीं है. जीएसटी व नोटबंदी से तबाह हो चुके व्यापार-व्यवसाय को संकट से उबारने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना इस संकल्प-पत्र में नहीं है. यह पूरी तरीके से जुमला-पत्र है. इसके माध्यम से जनता को झूठे सपने दिखाकर गुमराह करने का प्रयास मात्र है."