पटना: बिहार (Bihar) के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन के एक साल के भीतर उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में फूट पड़ गई है. फ़िलहाल एलजेपी की कमान रामविलास के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) संभाल रहे है. लोक जनशक्ति पार्टी में बगावत के लिए चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. इस बीच एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पार्टी के सांसद और अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे है. कोरोना के बहाने बिहार के BJP अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल का तंज कहा- घरों से उतना ही बाहर निकलें जितना राहुल गांधी मंदिर जाते हैं
बिहार के हाजीपुर से लोकसभा सांसद पशुपति नाथ पारस ने कहा “मैं अकेला महसूस कर रहा हूं. पार्टी की बागडोर जिनके हांथ में गई. पार्टी के 99 फीसदी कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में एनडीए (NDA) गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा बने रहें.”
लोक जनशक्ति पार्टी नेता ने कहा “हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं. पांच सांसदों की इच्छा थी की पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है इसलिए पार्टी को बचाया जाए. मैंने पार्टी तोड़ी नहीं बचाई हैं. चिराग पासवान से कोई शिकायत नहीं है. कोई आपत्ति नहीं है वे पार्टी में रहें.”
उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारी पार्टी में सेंध डाला और 99 फीसदी कार्यकर्ताओं के भावना की अनदेखी करके गठबंधन को तोड़ दिया.
5 MPs have submitted letter to the Speaker, we will go and meet him as and when he orders: LJP MP Pashupati Kumar Paras
— ANI (@ANI) June 14, 2021
मन जा रहा है कि एलजेपी के छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद पर चुनने के लिए हाथ मिला लिया है. सांसदों के इस समूह ने लोकसभा अध्यक्ष को अपना यह निर्णय बता दिया है. हालांकि चिराग पासवान की ओर से इस संदर्भ में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
No. This is 100% wrong. LJP is our party, the organisation is strong in Bihar. I was with NDA and I will continue to be a part of the alliance: LJP MP Pashupati Kumar Paras when asked if he met JD(U) leaders pic.twitter.com/Yn6GY4i5Bl
— ANI (@ANI) June 14, 2021
प्राप्त जानकारी के अनुसार असंतुष्ट सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं. 2020 में पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद कार्यभार संभालने वाले चिराग अब पार्टी में अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं.
ऐसा भी कहा जा रहा है कि एलजेपी सांसदों का समूह भविष्य में जेडीयू का समर्थन कर सकता है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में चिराग खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'हनुमान' बताकर चुनावी मैदान में अपनी पार्टी को उतारा था. ऐसी स्थिति में बीजेपी के नेताओं ने यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने बिहार दौरे में यह कहा था कि एनडीए में सिर्फ बीजेपी, जेडीयू, विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल है. माना जाता है कि इसके बावजूद एलजेपी मतदाताओं में भ्रम पैदा करने में सफल रही थी. यही कारण है कि चुनाव में एलजेपी भले ही एक सीट पर विजयी हुई हो लेकिन जेडीयू को कई सीटों पर नुकसान पहुंचाया था.