राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की तरफ से बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के महागठबंधन में वापस लौटने के दावे पर जेडीयू (JDU) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने जवाब दिया है. प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को ट्वीट कर लिखा, 'लालू यादव का दावा झूठा है. यह एक नेता के चर्चा में रहने का केवल घटिया प्रयास है जिसके अच्छे दिन गुजर चुके हैं. हां, मेरे जेडीयू में शामिल से होने से पहले हम कई बार मिले थे लेकिन मैं अगर यह बता दूं कि किन बातों पर चर्चा हुई थी तो वह (लालू यादव) बुरी तरह से शर्मिंदा हो जाएंगे.'
The claims made by Laluji as reported are BOGUS. This is nothing but a poor attempt seeking relevance by a leader whose best days are behind him.
Yes, we did meet many times before I joined JDU, but if I were to tell what all was discussed then he would be quite embarrassed. https://t.co/9B5clUBxea
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 5, 2019
दरअसल, लालू प्रसाद ने दावा किया है कि नीतीश कुमार महागठबंधन में वापस लौटना चाहते थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया क्योंकि नीतीश कुमार पर उनका भरोसा पूरी तरह खत्म हो गया. लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार ने यह कवायद महागठबंधन को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ जाने के छह महीने के अंदर ही की थी. दरअसल, लालू प्रसाद ने नलिन वर्मा के साथ मिलकर लिखी गई अपनी किताब 'गोपालगंज टु रायसीनाः माइ पॉलिटिकल जर्नी' में दावा किया है कि नीतीश कुमार ने उस दरम्यान अपनी पार्टी जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को उनके पास अलग-अलग मौकों पर अपना दूत बनाकर पांच बार भेजा था. लेकिन मैंने मना कर दिया. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: नवादा में रेप के दोषी राजबल्लभ की पत्नी के प्रचार में पहुंची राबड़ी देवी ने दिया विवादित बयान, कहा- यादवों को बदनाम करने की रची गई साजिश
हालांकि जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने लालू प्रसाद के इन दावों का सिरे से खारिज किया है. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि नीतीश कुमार ने साल 2017 में रिश्ते बिगड़ने के बाद महागठबंधन में जाने की इच्छा कभी जाहिर नहीं की. केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू का आरजेडी से अलगाव बिल्कुल स्थाई है और नीतीश कुमार भ्रष्टाचार पर समझौता करने वाले नहीं हैं. इसलिए, लालू का दावा बिल्कुल झूठा है.