उन्नाव रेप केस: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट का बड़ा फैसला, कुलदीप सिंह सेंगर को मिली उम्रकैद की सजा, 25 लाख का जुर्माना
कुलदीप सिंह सेंगर (Photo Credits: IANS)

उन्नाव अपहरण और रेप मामले (Unnao Kidnapping and Rape Case) में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को दिल्ली (Delhi) के तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने जीवंत पर्यन्त आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है. जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा (District Judge Dharmesh Sharma) ने शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इसमें से पीड़िता को 10 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे. कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को जुर्माना महीने भर के भीतर भरने का निर्देश दिया है. कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की अदालत ने सोमवार को दोषी ठहराया था.

इससे पहले सीबीआई ने साल 2017 के उन्नाव रेप केस में दोषी साबित कुलदीप सेंगर को आजीवन कारावास की सजा देने की मांग की थी और कहा था कि यह व्यवस्था के खिलाफ एक व्यक्ति की न्याय की लड़ाई है. सीबीआई ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वह कुलदीप सेंगर को कानून में निर्धारित उम्रकैद की अधिकतम सजा दे. सीबीआई और शिकायतकर्ता के वकील ने कुलदीप सेंगर के लिए अधिकतम सजा की मांग की थी और कहा था कि ‘जघन्य अपराधों में लड़कियों की चीख’ सुनने पर विचार किया जाना चाहिए. वहीं, कुलदीप सेंगर के वकील ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वह दोषी को 10 साल कैद की न्यूनतम सजा दे क्योंकि उसका पूर्व में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. यह भी पढ़ें- उन्नाव रेप पीड़िता का आरोप- विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने ही एक्सीडेंट के जरिए रची थी मुझे मारने की साजिश.

गौरतलब है कि कुलदीप सेंगर ने साल 2017 में उन्नाव की महिला को कथित रूप से अगवा कर उसके साथ रेप किया था, जब वह नाबालिग थी. पीड़िता द्वारा लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के आधिकारिक आवास के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश करने के बाद रेप का मामला हुआ था.

पीड़िता के पिता को कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर द्वारा पीटने और बुरी तरह घायल होने के बावजूद उसे अस्पताल ले जाने के बजाय जेल ले जाने और दो दिन बाद पुलिस हिरासत में उसकी मौत होने के बाद पीड़िता ने यह कदम उठाया था. अतुल सेंगर द्वारा पीड़िता के पिता को पीटने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला उठा था.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने कुलदीप सिंह सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था. कोर्ट ने नौ अगस्त को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पोक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे.