बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) के ठेकेदार संतोष पाटिल (Santosh Patil) सुसाइड केस में राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) सहित तीन लोगों पर केस दर्ज किया गया है. बीजेपी कार्यकर्ता पाटिल ने मंगलवार को अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और सुसाइड नोट में यह कदम के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया है. एक सुसाइड नोट में दावा किया था कि मंत्री ईश्वरप्पा उनकी मौत के लिए सीधे जिम्मेदार हैं और उन्हें सजा दी जानी चाहिए. कर्नाटक में ठेकेदार की मौत के बाद राहुल गांधी ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री पर साधा निशाना
भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पाटिल के विरुद्ध मंत्री ने मानहानि का मामला भी दायर करवाया था. पाटिल ने आरोप लगाया था कि उन्हें 4 करोड़ रुपये का काम आवंटित किया गया था और इसे पूरा करने के बाद भी धनराशि जारी नहीं की गई. उन्होंने आगे कहा कि ईश्वरप्पा के सहयोगी 40 फीसदी कटौती की मांग कर रहे हैं. पाटिल ने ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय मीडिया को इंटरव्यू भी दिया था.
डीके शिवकुमार और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत को पत्र लिखकर ठेकेदार संतोष पाटिल की मृत्यु पर राज्य मंत्री केएस ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने की मांग की है। pic.twitter.com/tnYkzO9rKi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 13, 2022
ईश्वरप्पा ने पहले कहा था, आरडीपीआर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एलके अतीक ने स्पष्ट रूप से बताते हुए स्पष्टीकरण भेजा था कि पाटिल द्वारा उल्लिखित ऐसे किसी भी कार्य के लिए न तो स्वीकृति आदेश और न ही प्रशासनिक स्वीकृति दी गई. आवेदक पाटिल द्वारा किए जाने वाले सड़क कार्यों को सरकार के माध्यम से लागू नहीं किया गया है. इसलिए, उक्त परियोजना के लिए कोई धन नहीं जुटाया गया.
मंत्री ईश्वरप्पा ने कहा था कि इसके पीछे साजिश है. ईश्वरप्पा ने कहा, "मैं इस मुद्दे पर सवाल उठा रहे कांग्रेस नेताओं से कहूंगा कि कार्य आदेश जारी नहीं किया गया है और अनुदान जारी करने का कोई सवाल ही नहीं है.” इस मुद्दे पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री गिरिराज सिंह पहले ही ईश्वरप्पा से स्पष्टीकरण मांगा है.
कांग्रेस ने की मंत्री की बर्खास्तगी की मांग
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ईश्वरप्पा ने स्पष्ट किया कि इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है. ईश्वरप्पा ने कहा, "मैं नहीं जानता कि संतोष पाटिल कौन हैं. मैंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से घटना की जांच करने को कहा है." उधर, कर्नाटक में विपक्षी दल कांग्रेस ने एस ईश्वरप्पा को गिरफ्तार करने और मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है.
कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, “संतोष के. पाटिल खुद भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता था. उसने साफ कहा था कि ईश्वरप्पा उसकी मौत के जिम्मेदार होंगे. यह भारतीय दंड संहिता की धारा 300 और 302 के तहत अपराध है.”
सुसाइड नोट में लगाये गंभीर आरोप
संतोष पाटिल ने उडुपी के एक होटल में जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा, "मैंने अपने सभी सपनों को किनारे करने के बाद यह निर्णय लिया है. मेरी पत्नी और बच्चे को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और साथ ही हमारे लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा का समर्थन करना चाहिए. मीडिया मित्रों को धन्यवाद." उन्होंने आगे कहा कि उनके दोस्तों का उनकी मौत से कोई लेना-देना नहीं है. मैं उन्हें दौरे के लिए लाया हूं और उनका कोई संबंध नहीं है.
भाई ने बीजेपी सरकार को ठहराया जिम्मेदार
पाटिल बेलगावी जिले के बडासा गांव के रहने वाले थे. वह बेलगावी शहर में बस गये थे और एक ठेकेदार के रूप में काम करते थे. उनके परिवार में पत्नी और डेढ़ साल का बच्चा है. इस बीच, संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल ने अपने भाई की मौत के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया, "राज्य सरकार ने मेरे भाई की हत्या की है." (एजेंसी इनपुट के साथ)