बेंगलुरु, 12 अप्रैल: कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा पर एक ठेके के लिये 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाने वाले ठेकेदार की मौत के बाद मंगलवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा नीत राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और आरोपी मंत्री के इस्तीफे की मांग उठायी. वहीं, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मामले की निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच का भरोसा दिलाया है. राहुल गांधी का बड़ा आरोप, भारत को बांट कर अलग-अलग देश बना दिए गए.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई की इस मामले में संलिप्तता है. ईश्वरप्पा पर ठेके के लिये 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल मंगलवार सुबह उडुपी के एक लॉज में मृत पाये गये. पुलिस को शक है कि यह खुदकुशी का मामला है और उसने जांच शुरू कर दी है.
पुलिस के अनुसार, बेलगावी जिले के संतोष के पाटिल का शव निजी लॉज के एक कमरे में मिला था. उन्होंने बताया कि उसके दोस्त उसके बगल के कमरे में ठहरे हुए थे. पाटिल ने कुछ मीडिया संस्थानों को कथित तौर पर कुछ संदेश भेजे हैं जिसमें कहा गया है कि वह आत्महत्या कर रहे हैं और आरोप लगाया कि उनकी मौत के लिए ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं.
खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उसने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो, लेकिन ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी. मंत्री ने न केवल आरोप खारिज किया, बल्कि ठेकेदार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा कि पुलिस एक ठेकेदार की मौत की संपूर्ण और पारदर्शी तरीके से जांच करेगी. बोम्मई ने मेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस मामले की संपूर्ण जांच की जाएगी. हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप या निर्देश नहीं होगा. पुलिस स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करेगी और सच्चाई सामने आएगी.’’
वहीं, ईश्वरप्पा ने इस मामले विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा की जा रही उनके इस्तीफे की मांग को ठुकरा दिया. ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘इस्तीफा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता. मैंने संतोष पाटिल के खिलाफ जो मामला दायर कराया है, हमें अदालत में उसका फैसला आने का इंतजार करना होगा. मैं यह बिल्कुल स्पष्ट करता हूं कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत साफ है कि मैंने गलत नहीं किया है. मेरे मानहानि का मामला दायर करने के बाद उसे एक नोटिस भेजा गया था. मुझे अब आपके जरिए पता चला है कि उसने आत्महत्या कर ली. इसके अलावा, मुझे कोई जानकारी नहीं है.’’
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के गृह मंत्री ए ज्ञानेंद्र ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक ने मौके का दौरा किया है. कर्नाटक में प्रतिपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने मंत्री की गिरफ्तारी, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने और उन्हें मंत्रालय से बर्खास्त करने की मांग की है.
उधर, पाटिल की पत्नी जयश्री ने बेलगावी में संवाददाताओं से कहा, '' मेरे पति ऐसे नहीं थे जो आत्महत्या कर लें. यह एक हत्या है. लोगों को कभी भी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाने की सलाह देने वाला एक व्यक्ति ऐसा घातक कदम नहीं उठा सकता. इसका क्या मतलब निकलता है कि पिछली शाम को मुझसे खुशी-खुशी बात करने वाला व्यक्ति अब जीवित नहीं है.''
इस बीच, ठेकेदार की मौत के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस ने ईश्वरप्पा पर ठेके के लिये 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाने वाले ठेकेदार के कथित आत्महत्या मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि ईश्वरप्पा को बर्खास्त कर उनकी गिरफ्तारी की जाए.
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित कर ‘40 प्रतिशत के कमीशन’ मामले में मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई और सभी मंत्रियों की भूमिका की समयबद्ध जांच की जाए.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई की इस मामले में संलिप्तता है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कर्नाटक की 40 फीसदी कमीशन वाली भाजपा सरकार ने अपने ही एक कार्यकर्ता की जान ले ली. पीड़ित ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इस मामले में संलिप्त हैं.’’
कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भाजपा के मंत्री के खिलाफ हत्या एवं भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराना चाहिए. मंत्री को गिरफ्तार करिये. मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए. स्वतंत्र जांच कराइए. अन्यथा यह स्पष्ट हो जाएगा कि मुख्यमंत्री बोम्मई भ्रष्टाचार में शामिल हैं.’’
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में बेतहाशा भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है और हालिया मामले से यह साफ है. कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, “संतोष के. पाटिल खुद भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता था. उसने साफ कहा था कि ईश्वरप्पा उसकी मौत के जिम्मेदार होंगे. यह भारतीय दंड संहिता की धारा 300 और 302 के तहत अपराध है.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “ईश्वरप्पा को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए और उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को उन्हें मंत्री पद पर नहीं रहने देना चाहिए क्योंकि वह हत्या के मामले में आरोपी हैं. यह एक गंभीर आरोप है जिसके लिए आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान है.”
ठेकेदार के विरुद्ध ईश्वरप्पा द्वारा दायर मानहानि के दावे के बारे में पूछे जाने पर सिद्धरमैया ने कहा, “ईश्वरप्पा क्या कहते हैं यह महत्वपूर्ण नहीं है. उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए, एक मामला दर्ज करना चाहिए और संतोष पाटिल ने जो कहा उसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए.”
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