मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के भांजे रतुल पुरी (Ratul Puri) को मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है. रतुल पुरी के खिलाफ यह कार्रवाई सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दायर 354 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले मामले (Bank Fraud Case) में हुई है. सीबीआई (CBI) ने रविवार को मोजरबेयर के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. सीबीआई ने जिन पर मुकदमा दर्ज किया था उनमें रतुल पुरी के अलावा कंपनी (एमबीआईएल), उनके पिता और प्रबंध निदेशक दीपक पुरी, निदेशकों– नीता पुरी (रतुल की मां और कमलनाथ की बहन), संजय जैन और विनीत शर्मा शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया था कि इन पर कथित तौर पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. बैंक ने एक बयान में बताया था कि रतुल पुरी ने साल 2012 में कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि उनके माता-पिता निदेशक मंडल में रहे. बैंक ने शिकायत में आरोप लगाया कि कंपनी 2009 से विभिन्न बैंकों से लोन ले रही थी और कई बार पुनर्भुगतान की शर्तों में बदलाव करा चुकी थी. यह भी पढ़ें- रतुल पुरी को कोर्ट से बड़ा झटका, अग्रिम जमानत याचिका खारिज
बैंक की यह शिकायत अब सीबीआई की प्राथमिकी का हिस्सा है. इसमें आरोप लगाया गया कि जब वह (कंपनी) कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ रही तो एक फॉरेन्सिक ऑडिट किया गया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने खाते को 20 अप्रैल 2019 को ‘‘फर्जी” घोषित कर दिया. बैंक का दावा है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से फंड जारी कराने के लिए नकली और जाली दस्तावेजों का प्रयोग किया.
भाषा इनपुट