नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के रिश्तेदार रतुल पुरी (Ratul Puri) की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. वह वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में आरोपी हैं. विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने पुरी के उन आवेदनों को भी अस्वीकार कर दिया जिसमें प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) और धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत दर्ज एक बयान की प्रति मांगी गई थी.
न्यायाधीश ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है और आवेदक/आरोपी रतुल पुरी द्वारा निभाई गई भूमिका, ईडी द्वारा एकत्र किये गये सबूतों, आरोपों की गंभीरता और आरोपी के कथित आचरण को ध्यान में रखते हुए, मैं अग्रिम जमानत दिया जाना उचित नहीं समझता हूं। इसलिए अग्रिम जमानत की याचिका खारिज की जाती है. अदालत ने कहा कि अभियुक्त की जमानत याचिका पर बहस लगभग पांच दिन पहले से जारी है और आरोपी के वकील ने न्यायिक रिकॉर्ड का निरीक्षण किया था और ईसीआईआर पहले से ही न्यायिक रिकॉर्ड पर है. पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज बयान को उपलब्ध कराने के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि ईडी के वकील ने जानकारी दी है कि पुरी का बयान केस फाइल का एक हिस्सा है और इसे उपलब्ध कराने के लिए वह उत्तरदायी नहीं है. यह भी पढ़े: अगस्तावेस्टलैंड केस: शौचालय जाने का बहाना बना ED ऑफिस से निकले कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी, दिल्ली कोर्ट ने गिरफ्तारी से दी राहत
हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स प्राईवेट लिमिटेड के अध्यक्ष पुरी ने मामले में अग्रिम जमानत के लिए 27 जुलाई को अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कहा कि उन्हें मामले में गिरफ्तारी की आशंका है. अगस्ता वेस्टलैंड के साथ रद्द हो चुके 3600 करोड़ रुपये के हेलीकॉप्टर सौदे से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए वह हाल में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए थे. ईडी मामले की और जांच के लिए व्यवसायी की हिरासत मांग कर रही है। एजेंसी के वकील ने पहले निचली अदालत के समक्ष कहा था कि पुरी एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वह देश छोड़कर भाग सकते हैं.