नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में स्थित जेएनयू एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना हुआ है. रविवार रात कुछ नकाबपोश लोग जेएनयू कैंपस में अचानक घुस आए और विभिन्न हॉस्टलों में तोड़फोड़ की. इन लोगों ने इस दौरान छात्रों को बुरी तरह से पीटा भी है. रिपोर्ट के अनुसार इस हिंसा में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष सहित कुल 42 लोग घायल हुए है. इस हिंसा को लेकर पुरे देश से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. वही दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पुलिस का कहना है कि हमारे पास सबूत हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने पुरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब यूनिवर्सिटी के अंदर छात्र सुरक्षित नहीं हैं तो कोई भी सुरक्षित नहीं है. सरकार ऐसी हिंसा को बढ़ावा दे रही है. जामिया मिलिया इस्लामिया में भी पुलिस ने पूछताछ के बजाय गोलियां चलाईं। छात्रों की आवाज को दबाने के लिए सरकार द्वारा इस तरह के कदम की मैं निंदा करता हूं. यह भी पढ़े-JNU हिंसा: स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव का आरोप, जेएनयू छात्रों से मिलने के दौरान तीन बार हमला- मुंह पर मारी लात
ANI का ट्वीट-
Congress' GN Azad: When students inside universities are not safe then nobody is. Govt is encouraging such violence. In Jamia Milia Islamia also Police fired bullets instead of inquiring.Many were injured,killed&detained. Such acts by govt to shush students' voices is condemnable pic.twitter.com/e1v7vqACS7
— ANI (@ANI) January 6, 2020
वही दूसरी तरफ जेएनयू मामले में दिल्ली पुलिस केपीआरओ एमएस रंधावा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि छात्रों के दो गुटों में विवाद हुआ था. इस हमले में 34 लोग घायल हुए थे. इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच हो रही है.
गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार रात कुछ नकाबपोश हमलावर घुसे थे, जिनके पास डंडे और लोहे की छड़ थीं. उन्होंने स्टूडेंट्स और टीचर्स की जमकर पिटाई करते हुए कैंपस में जमकर तोड़फोड़ भी की थी.