श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जानें के बाद से ही वहां के हालात को लेकर लगातार बयानबाजी हो रही है. इसी बीच सोमवार को एक बड़ी खबर सामने आयी है. बताना चाहते है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Governor Satya Pal Malik) ने घाटी में पर्यटकों को लेकर जारी ट्रैवल एडवाइजरी को रद्द करने का निर्देश दिया है. इससे पहले इस ट्रैवल एडवाइजरी में कहा गया था कि पर्यटक जल्द से जल्द घाटी छोड़ दें.
ज्ञात हो कि सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने सोमवार को सलाहकारों और मुख्य सचिव के साथ घाटी के मौजूदा हालात को लेकर समीक्षा बैठक की. इसके बाद उन्होंने कहा कि ये आदेश 10 अक्टूबर 2019 से लागू होने जा रहा है.
राज्यपाल के इस आदेश के बाद अब पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर में लौटने की अनुमति मिल गई है. इस बैठक में मलिक ने गृह विभाग के सलाहकार से कहा कि पर्यटकों के घाटी छोड़ने के फैसले को वापस लिया जाए. यह भी पढ़े-जम्मू-कश्मीर: गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा- हमने जितना काम किया है, उतना चुनी हुई सरकार भी नहीं करती
कश्मीर घूमने फिर जा सकेंगे पर्यटक, 10 अक्टूबर से हटेंगी पाबंदियां-
Government of Jammu and Kashmir: Governor Satya Pal Malik has directed that the Home Department’s advisory asking tourists to leave the valley be lifted immediately. This will be done with effect from 10.10.2019. pic.twitter.com/eyyI9o6TdS
— ANI (@ANI) October 7, 2019
सेब खरीद में हुई प्रगति के बारे में भी राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Governor Satya Pal Malik) को बताया गया है. जो 850 टन और 3.25 करोड़ रुपये से अधिक है.
Government of Jammu And Kashmir: The Governor was also briefed about the progress in apple procurement which has crossed 850 tonnes and worth Rs 3.25 crores. Some changes in the rates of apple are being made which will be announced shortly.
— ANI (@ANI) October 7, 2019
बता दें कि सरकार ने धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू को लेकर राहत दी है. इसके साथ ही घाटी में मोबाइल सहित इंटरनेट सेवाएं काफी हद तक बंद ही है. हालांकि लैंडलाइन सेवाएं शुरू जरूर हुई है.
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से आर्टिकल 370 हटा दिया है. जिसके बाद से ही कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर सरकार निशाने पर बनी हुई है.