Inheritance Tax: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस सैम पित्रोदा की विरासत कर को लेकर की गई टिप्पणी पर अर्थशास्त्री गौतम सेन ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में कोई विरासत टैक्स नहीं है. वहां एस्टेट ड्यूटी लगती है और इसे गिफ्ट टैक्स कहा जाता है. अमेरिका में 2022 तक मरने वाले लोगों में से महज 0.14% लोगों के परिजनों ने यह अदा किया था. पूरे अमेरिका में सिर्फ 4000 लोगों पर एस्टेट ड्यूटी लगती है. इसकी वजह यह है कि छूट की लिमिट इतनी ज्यादा है कि कम ही लोग इसके दायरे में आते हैं. वहां अमीरों का 13.6 मिलियन डॉलर पैसा ट्रस्टों में है. इसलिए अमेरिका का उदाहरण भारत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है.
विरासत कर भारत में बिल्कुल भी काम नहीं करेगा. यहां बड़ी दौलत वाले बहुत कम लोग हैं. इसके बाद जो हैं भी, उन लोगों ने अपनी पूंजी को कारोबार में लगा रखा है. अगर उस पूंजी से 55% तक का विरासत टैक्स वसूला जाएगा, तो हमारी अर्थव्यवस्था ठहर जाएगी.
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'विरासत टैक्स लगाया, तो ठहर जाएगी भारत की अर्थव्यवस्था'
#WATCH इंडियन ओवरसीज कांग्रेस सैम पित्रोदा की विरासत कर को लेकर की गई टिप्पणी पर अर्थशास्त्री गौतम सेन ने कहा, "सबसे पहली बात तो यह है कि अमेरिका में कोई विरासत कर नहीं है। उनके पास विरासत कर नहीं है, इसे एस्टेट ड्यूटी और गिफ्ट टैक्स कहा जाता है। अमेरिका में, 2022 तक 0.14% मृतकों… pic.twitter.com/e5kMrA0KM1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 8, 2024
गौतम सेन ने तर्क देते हुए आगे कहा कि अगर आप सभी से विरासत टैक्स वसूलते हैं, तो आपको उनकी संपत्ति के लिए उनका कारोबार ही खत्म कराना होगा. इस तरह से देश की 0.5 फीसदी आबादी से टैक्स वसूलने के लिए आप बड़े पैमाने पर कारोबारों को नुकसान पहुंचाएंगे. इससे उन गरीब लोगों को ही नुकसान होगा, जो उस पर निर्भर हैं. सेन ने कहा कि बीते 10 सालों में ग्रोथ हुई है और हमने संसाधनों का बेहतर बंटवारा किया है. उनका इशारा लोगों के गरीबी से ऊपर उठने पर था.