भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस ने बीजेपी (BJP) से सत्ता छीन ली. इसके बाद कांग्रेस (Congress) की नजर अब सूबे की सभी 29 लोकसभा सीटों पर है. उधर पॉलिटिकल पंडितों के मुताबिक इस बार बीजेपी को मध्य प्रदेश में अपनी जीती हुई सभी 27 लोकसभा सीटों को बचाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
मध्य प्रदेश की सात लोकसभा सीटों पर 6 मई को चुनाव होंगे. इसमें होशंगाबाद (Hoshangabad) संसदीय क्षेत्र भी शामिल है. कहते है होशंगाबाद लोकसभा सीट से दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का गहरा नाता रहा है. दरअसल होशंगाबाद सीट मौजूदा समय में बीजेपी का गढ़ समझा जाता है. लेकिन यह कभी कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट हुआ करती थी. यहा सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री की एक रैली ने सब कुछ बदल दिया था. इस रैली के बाद से साल 1989 से लेकर 2004 तक होशंगाबाद में बीजेपी 6 बार जीत चुकी है.
नर्मदा नदी के किनारे स्थित होशंगाबाद में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है. इस सीट से बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद उदय प्रताप सिंह और कांग्रेस के शैलेंद्र दीवान को चुनाव मैदान में उतारा हैं. होशंगाबाद लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ, जिसमें कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.
होशंगाबाद का 2014 में हाल-
उदय प्रताप सिंह (बीजेपी)- 6 लाख 69 हजार 128 वोट
देवेंद्र पटेल (कांग्रेस)- 2 लाख 79 हजार 168 वोट
गौरतलब है कि साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 29 में से सिर्फ दो सीटों-गुना एवं छिन्दवाड़ा पर जीत मिली, जबकि बीजेपी ने बाकी 27 सीटों पर जीत हासिल किया. कांग्रेस पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को पछाड़ने के बाद अब लोकसभा के जरिए सूबे में दोबारा वापसी करने का भरसक प्रयास कर रही है.