शिमला: हिमाचल की सुक्खू सरकार पर संकट के बादल कुछ समय के लिए छंटते हुए दिखाई दे रहें हैं. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और एक मंत्री के इस्तीफे की घोषणा के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट को संभालने में कामयाब रही. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट पास हो गया है और सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दी गई है, जो कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए बड़ी राहत है. कांग्रेस की हिमाचल सरकार राजनीतिक उथल-पुथल के बीच फिलहाल सुरक्षित है. हालांकि बागी बिधायकों को मनाना अभी भी बाकी है. Himachal Politics: बागी विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर ने सुरक्षित रखा फैसला, सीएम सुक्खू बोले- हमारी सरकार सेफ.
कांग्रेस पार्टी के लिए 6 बागी विधायकों को मनाना बड़ी चुनौती है. क्योंकि एक तरफ जहां पार्टी सुक्खू को हटाने पर विचार नहीं कर रही है. वहीं 6 बागी विधायक और करीब 20 नाराज विधायक सुक्खू को सीएम पद से हटाने की जिद पर अड़े हुए हैं. कांग्रेस के लिए सभी विधायकों में तालमेल बनवाना टेढ़ी खीर है.
विक्रमादित्य सिंह के तेवर पड़े नरम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार बुधवार को राज्य बजट 2024-25 के सफल पारित होने के साथ सत्ता बरकरार रखने में सफल रही. कांग्रेस आलाकमान लोक निर्माण मंत्री का पद छोड़ने वाले पार्टी नेता विक्रमादित्य सिंह को भी मनाने में सफल रहा और उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है.
मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार शाम कहा कि जब तक पार्टी नेताओं के साथ बातचीत पूरी नहीं हो जाती, वह अपने इस्तीफे पर जोर नहीं देंगे. उन्होंने पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों से मुलाकात के बाद दावा किया कि सरकार कभी संकट में नहीं है. इस बीच, हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने उन छह विधायकों को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की कांग्रेस की मांग पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह इस्तीफा दे रहे हैं. सीएम सुक्खू ने कहा, ‘‘न तो आलाकमान और न ही किसी और ने मुझसे इस्तीफा मांगा है.'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.