Uttarakhand: कांग्रेस में शामिल होने के बाद बोले हरक सिंह रावत- बीजेपी ने मुझे 'यूज एंड थ्रो' समझा
बीजेपी में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा, "जब 10 मार्च को कांग्रेस पूर्ण बहुमत से जीतेगी. उन्होंने कहा, बीजेपी ने मुझे 'यूज़ एंड थ्रो' समझा; मुझे बहुत परेशानी हुई थी. मैंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी दोस्ती आखिरी क्षण तक नहीं तोड़ी, जैसा कि मैंने वादा किया था.
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. इससे कुछ दिन पूर्व उन्हें बीजेपी से निष्कासित किया गया था. कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह और कुछ अन्य नेताओं की मौजूदगी में हरक सिंह रावत पार्टी में शामिल हुए. Assembly Elections 2022: सचिन पायलट का दावा, उत्तराखंड और पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनेगी.
बीजेपी में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा, "जब 10 मार्च को कांग्रेस पूर्ण बहुमत से जीतेगी. उन्होंने कहा, बीजेपी ने मुझे 'यूज़ एंड थ्रो' समझा; मुझे बहुत परेशानी हुई थी. मैंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी दोस्ती आखिरी क्षण तक नहीं तोड़ी, जैसा कि मैंने वादा किया था.
कांग्रेस में शामिल हुए हरक सिंह
सूत्रों के अनुसार हरक सिंह रावत के साथ उनकी पुत्रवधू अनुकृति भी कांग्रेस में शामिल हुईं. पिछले दिनों हरक सिंह रावत को उत्तराखंड सरकार से बर्खास्त और भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था.
कई दिनों की चर्चा और बैठकों के बाद कांग्रेस ने हरक सिंह रावत को विधानसभा चुनाव से पहले साथ लेने का फैसला किया. सूत्रों ने बताया, ‘‘कांग्रेस आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद रावत पार्टी में शामिल हुए हैं. उन्हें या उनकी पुत्रवधू अथवा किसी समर्थक को टिकट देने के संदर्भ में कोई फैसला अभी नहीं हुआ है. लेकिन जल्द ही फैसला हो जाएगा.’’
सूत्रों का कहना है कि हरीश रावत 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के चलते इस पक्ष में नहीं थे कि हरक सिंह रावत फिर से पार्टी में लिया जाए, लेकिन प्रदेश के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की पैरवी और आलाकमान की सहमति मिलने के बाद उन्होंने अपनी रजामंदी दी.
पौड़ी गढ़वाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से विधायक हरक सिंह रावत पहले कई वर्षों तक कांग्रेस में थे. पिछले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बगावत कर दी थी जिससे तत्कालीन हरीश रावत सरकार संकट में आ गई थी. फिर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.
इस घटनाक्रम को लेकर हरक सिंह रावत पिछले दिनों माफी मांगी थी और कहा था कि हरीश रावत उनके ‘‘बड़े भाई हैं और (वह)उनसे 100 बार माफी मांगने को तैयार हैं.’’ उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होगा. 10 मार्च को मतगणना होगी.