नई दिल्ली: महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों (Constitutional Provisions) एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं (International Commitment) के अनुरूप महिलाओं को प्रभावित करने वाले मौजूदा कानूनों में सामंजस्य स्थापित करने के लिये 'राष्ट्रीय महिला नीति' का मसौदा तैयार किया है . लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
मंत्रालय ने बताया कि उसने सभी पक्षकारों के सुझावों को शामिल करते हुए प्रारूप राष्ट्रीय महिला नीति (National Women Policy) 2017 तैयार की है. मंत्रिमंडल सचिवालय विचार कर इसे आगे बढ़ायेगा. इसमें महिलाओं संबंधी मौजूदा कानूनों में संवैधानिक प्रावधानों एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप सामंजस्य स्थापित करने की परिकल्पना की गई है ताकि कानूनों का प्रभाव बढ़ सके.
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वहीं, गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से बताया कि साल 2007 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 1,85,312 मामले दर्ज किये गए जबकि 2008 में 1,95,857 मामले, 2009 में 2,03,804 मामले, 2010 में 2,13,585 मामले, 2011 में 2,28,650 मामले, 2012 में 2,44,270 मामले, 2013 में 3,09,546 मामले, 2014 में 3,39,457 मामले, 2015 में 3,29,243 मामले और 2016 में 3,38,954 मामले दर्ज किये गए .
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के हवाले से बताया कि कार्यस्थल समेत अन्य स्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की वर्ष 2017 में 570 शिकायतें दर्ज की गई जबकि साल 2018 में ऐसी 917 घटनाएं दर्ज की गई . साल 2019 में जनवरी माह में ऐसी 29 घटनाएं दर्ज की गई .