कोच्चि, 9 अक्टूबर: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) के पूर्व प्रधान सचिव शिवशंकर शुक्रवार को कस्टम कार्यालय में सोने की तस्करी मामले में पूछताछ के लिए हाजिर हुए. शिवशंकर कस्टम अधिकारियों के समक्ष दूसरी बार उपस्थित हो रहे हैं. उनसे पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पूछताछ कर चुकी है. सोने की तस्करी के मामले का खुलासा तब हुआ, जब यूएई वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी पी.एस. सरित को कस्टम विभाग ने 5 जुलाई को गिरफ्तार किया था, वह दुबई से तिरुवनंतपुरम जाने के लिए राजनयिक के सामान में 30 किलोग्राम सोने की तस्करी कर रहा था.
यह मामला सुर्खियों में तब आया, जब वाणिज्य दूतावास की एक पूर्व कर्मचारी स्वप्ना सुरेश का नाम सामने आया. वह राज्य के आईटी विभाग में काम कर रही थी और उसके साथ शिवशंकर के संबंध उजागर हुए थे. सोने की तस्करी के मामले के अलावा आरोपियों के विजयन के दूसरे प्रोजेक्ट से भी गहरे संबंध हैं. यह परियोजना त्रिशूर की 'लाइफ मिशन' प्रोजेक्ट है और इस परियोजना के तहत बन रहे फ्लैट यूएई आधारित चैरिटी ऑर्गनाजेशन 'रेड क्रिसेंट' के फंड से बनाए जा रहे थे.
ईडी द्वारा बुधवार को दायर किए गए 303 पन्नों की प्रारंभिक चार्जशीट, जो स्वप्ना की गवाही पर आधारित है, उससे खुलासा हुआ कि विजयन को उसके स्पेस पार्क में पोस्टिंग की जानकारी थी, साथ ही शिवशंकर के साथ उसके संबंध के बारे में भी उन्हें पता था. जानकारी के अनुसार शिवशंकर स्वप्ना के मेंटॉर हैं और विजयन उनसे छह बार मिल चुके हैं. वहीं विजयन ने कहा था कि उनके आईटी विभाग के तहत स्वप्ना की नौकरी के बारे में वे नहीं जानते थे.